आपदा मोचन बल ने चक्रवात प्रभावित श्रीलंका में खोज और बचाव अभियान पूरा किया
प्रचेता राजकुमार
- 05 Dec 2025, 05:35 PM
- Updated: 05:35 PM
कोलंबो, पांच दिसंबर (भाषा) चक्रवात दित्वा से प्रभावित श्रीलंका में खोज, बचाव और राहत अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम शुक्रवार को स्वदेश रवाना हो गयीं। भारतीय उच्चायोग ने यह जानकारी दी।
श्रीलंका चक्रवात दित्वा के कारण व्यापक बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ध्वस्त होने के संकट से जूझ रहा है। इस आपदा के कारण शुक्रवार तक 450 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, कई जिलों का संपर्क टूट गया है तथा देश की आपदा मोचन क्षमता पर भी गंभीर दबाव पड़ा है।
श्रीलंका की ओर से सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील किए जाने पर भारत 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत मदद पहुंचाने वाला पहला देश रहा।
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम में 80 कर्मी और के9 (श्वान दस्ते) इकाइयां शामिल थीं। ये टीम 29 नवंबर को श्रीलंका पहुंचीं और "उन्हें तुरंत सबसे बुरी तरह प्रभावित कुछ क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया।"
उच्चायोग ने बताया कि श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय और उनके मार्गदर्शन में काम करते हुए एनडीआरएफ ने कई जिलों में व्यापक अभियान चलाए।
उसने कहा, ‘‘अपना अभियान सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद एनडीआरएफ की टीम आज कोलंबो से रवाना हुईं।"
उसने बताया कि इन टीम ने बादुल्ला, कोच्चिकड़े, पुट्टलम, कोलंबो और गम्पाहा में बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर बचाव कार्य किया।
उच्चायोग ने बताया कि टीम के कार्यों में जलमग्न इलाकों में पहुंचना, फंसे हुए परिवारों तक पहुंचना, क्षतिग्रस्त इमारतों में फंसे लोगों की सहायता करना, मृत लोगों को निकालना, सहायता वितरित करना और जहां आवश्यक हो वहां तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना शामिल थे।
उसने कहा कि टीम ने लगभग 150 लोगों को बचाया, कई शवों और फंसे हुए जानवरों को निकाला है। उसने कहा कि "खतरनाक स्थितियों, क्षतिग्रस्त मार्गों और अस्थिर भौगोलिक स्थिति वाले इलाकों के बावजूद" उन्होंने सहायता की हर अपील पर ध्यान दिया।
उच्चायोग ने कहा कि उन्होंने गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, दिव्यांगजनों और अन्य जरूरतमंदों की भी सहायता की है।
उसने बताया कि भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक बादुल्ला जिले में एनडीआरएफ कर्मियों ने विशेष उपकरणों और ‘के9’ खोज सहायता के साथ लंबी दूरी पैदल तय की।
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र द्वारा शुक्रवार सुबह जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 नवंबर से मौसम खराब होने के कारण आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन में 486 लोगों की मौत हो गई तथा 341 लापता हैं।
इसके अलावा, भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने श्रीलंका के आवास एवं निर्माण मंत्री से मुलाकात कर चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास प्रयासों पर चर्चा की।
भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘दोनों ने चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण और पुनर्वास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवास क्षेत्र में भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत विकास सहयोग को आगे बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।’’
आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात के बाद 2,303 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 52,489 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भाषा
प्रचेता