इंटरपोल रेड नोटिस के तहत वांछित अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव अपराधी पकड़ी गयी
राजकुमार दिलीप
- 05 Dec 2025, 05:46 PM
- Updated: 05:46 PM
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) ‘मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एमपी एसटीएसएफ)’ ने वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) के साथ मिलकर एक अभियान में इंटरपोल रेड नोटिस के तहत वांछित एक अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव अपराधी को गिरफ्तार किया है। पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि यांगचेन लाचुंगपा (44) को दो दिसंबर को उत्तरी सिक्किम के लाचुंग में निरंतर खुफिया प्रयासों और समन्वित जमीनी कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि लाचुंगपा लाचुंग की निवासी है और संगठित मानव तस्करी नेटवर्क की प्रमुख सदस्य है। उसने कहा कि इस तस्करी नेटवर्क के नेपाल, तिब्बत और भूटान से संबंध हैं तथा दिल्ली, सिलीगुड़ी, गंगटोक, कोलकाता, कानपुर, इटारसी और होशंगाबाद समेत कई भारतीय शहरों में वह सक्रिय है।
उसने कहा कि यह देश में इंटरपोल रेड नोटिस से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण वन्यजीव अपराध गिरफ्तारियों में से एक है।
भारत के इंटरपोल संपर्क कार्यालय के रूप में काम करते हुए डब्ल्यूसीसीबी ने दो अक्टूबर को लाचुंगपा के लिए रेड नोटिस हासिल किया था।
मंत्रालय ने कहा कि सिक्किम पुलिस, वन विभाग, न्यायपालिका और जिला प्रशासन ने अभियान में पूरा सहयोग किया तथा सिक्किम और सिलीगुड़ी में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने बढ़ती जनभावना के कारण लाचुंगपा को सुरक्षित तरीके से ले जाने में सहायता प्रदान की।
अधिकारी लाचुंगपा को अनिवार्य चिकित्सा परीक्षण के लिए गंगटोक ले गए और उन्होंने तीन दिसंबर को एक सक्षम अदालत में उसे पेश किया।
मंत्रालय ने बताया कि अदालत ने लाचुंगपा की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे मध्य प्रदेश ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड दे दी। आगे की कार्यवाही नर्मदापुरम में होगी।
मध्य प्रदेश वन विभाग ने 13 जुलाई, 2015 को होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) के सतपुड़ा बाघ संरक्षित क्षेत्र के कामटी रेंज में बाघ और पैंगोलिन के अवैध शिकार तथा बाघों के अंगों एवं पैंगोलिन के शल्कों के अवैध व्यापार के संबंध में एक मामला दर्ज किया था।
विभाग ने बाघ की हड्डियों के चार टुकड़े, 1.5 किलोग्राम पैंगोलिन के शल्क, बाघ की खाल और बाघ की हड्डी से निकला तेल जब्त किया था।
मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2015 में गिरफ्तार किए गए एक अन्य मुख्य आरोपी जय तमांग ने स्वीकार किया कि उसने लाचुंगपा को वन्यजीव तस्करी का सामान मुहैया कराया था और उसने उसे आश्रय दिया था। उसके इस कबूलनामे ने तस्करी की इस श्रृंखला में उसकी भूमिका को पुख्ता कर दिया।
इस मामले में नामजद 36 लोगों में से 27 को नर्मदापुरम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 दिसंबर, 2022 को दोषी ठहराया। लाचुंगपा के फरार होने के कारण उसके खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाई।
भाषा राजकुमार