सोमालियाई आप्रवासियों को ‘कचरा’ कहने के लिए ट्रंप की हो रही आलोचना
एपी जोहेब गोला
- 05 Dec 2025, 12:54 PM
- Updated: 12:54 PM
न्यूयॉर्क, पांच दिसंबर (एपी) सोमालिया के आप्रवासियों को ‘कचरा’ कहने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान की काफी आलोचना हो रही है। मिनेसोटा राज्य के डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नर टिम वाल्ज ने ट्रंप के बयान की निंदा करते हुए इसे ‘‘भद्दा’’ बताया।
वाल्ज ने बृहस्पतिवार को कहा कि ट्रंप ने मिनेसोटा के सभी निवासियों को बदनाम किया, जहां अमेरिका के दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक सोमालियाई आप्रवासी रहते हैं।
उन्होंने कहा कि सोमालियाई आप्रवासियों के प्रति ऐसी नफरत भरी टिप्पणियां पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने नहीं कीं।
वाल्ज ने एक बयान में कहा, ‘‘आज हमारे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं, जबकि उनके ही राष्ट्रपति उन्हें ‘कचरा’ कह रहे हैं।’’
कई बुद्धिजीवियों ने भी ट्रंप की इस टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की है।
एल्बनी में स्थित न्यूयॉर्क स्टेट यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर कार्ल बोन टेम्पो ने कहा, ‘‘उन्होंने रोजमर्रा की बातचीत में इस तरह की भाषा को ज्यादा सामान्य बना दिया है।’’
बोन ने कहा, ‘‘उन्होंने एक तरह से ऐसी भाषा को मान्यता दे दी है, जिससे बहुत से अमेरिकी लंबे समय से दूरी बनाए हुए हैं।’’
ट्रंप प्रवासियों को निशाना बनाकर काफी समय से इस तरह के बयान देते रहे हैं। उन्होंने एक दशक पहले अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि मैक्सिको ‘‘बलात्कारियों’’ को सीमा पार भेज रहा है।
ट्रंप की बयानबाजी की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से भी की जा रही है, जिसने अफ्रीका के 54 देशों के बारे में अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ‘‘एस-होल देश’’ कहा था।
मंगलवार को दो घंटे की कैबिनेट बैठक के अंत में दिए गए बयान के साथ ट्रंप ने आप्रवासियों के खिलाफ नया और तीखा रुख अपनाया। अब से पहले ट्रंप गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे आप्रवासियों को ही निशाना बना रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने वैध तरीके से देश में रह रहे आप्रवासियों को भी निशाना बनाया।
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम उन्हें अपने देश में नहीं देखना चाहते।’’
ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले सोमाली मूल के 2.6 लाख लोगों के बारे में पांच बार यह बात कही।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वे वहीं वापस चले जाएं जहां से वे आए हैं, और जाकर उसे (अपने देश को) सुधारें।’’
ट्रंप की इस बात पर मंत्रिमंडल के सदस्यों को हंसते हुए देखा गया।
राष्ट्रपति के बिल्कुल बाईं ओर बैठे रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कैमरे पर ट्रंप से कहा कि ‘‘आपने बिल्कुल सही बात कही।’’
सोमालिया के बारे में की गईं ट्रंप की टिप्पणियों की अमेरिका के साथ साथ सोमालिया में भी काफी निंदा हो रही है।
सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में रहने वाले इब्राहिम हसन हज्जी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘अमेरिका और वहां रहने के बारे में मेरी धारणा नाटकीय रूप से बदल गई है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई राष्ट्रपति, वह भी अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान इतनी कठोर बयानबाजी कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी वजह से, अब मेरा अमेरिका जाने का कोई इरादा नहीं है।’’
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के नागरिक अधिकार कानून विभाग के प्रोफेसर सेजर कुआउटेमोक गार्सिया हर्नांडे ने कहा, ‘‘ट्रंप अकसर सीमाओं को लांघ देते हैं। उनसे पहले भी दूसरे नेता ऐसा कर चुके हैं। वह नस्लीय उकसावे और विदेशियों को लेकर डर फैलाने वाली मानसिकता रखने वाले पहले राजनीतिज्ञ बिल्कुल नहीं हैं। लेकिन एक अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में, उसका प्रभाव अधिकांश लोगों की तुलना में कहीं अधिक है।’’
ब्रिटेन में ब्रेक्ज़िट के बाद प्रवासियों के प्रति रवैया कठोर हो गया है। धुर दक्षिणपंथी ‘रिफॉर्म यूके’ पार्टी के नेता नाइजल फैराज ने अनधिकृत प्रवासन को ‘‘आक्रमण’’ कहा था और बाहर से आने वाले लोगों के प्रति चेतावनी दी थी।
फ्रांस की मरीन ले पेन और उनके पिता ने ट्रंप के राजनीति में आने से दशकों पहले ही प्रवासियों-विरोधी भाषा के आधार पर अपनी सियासी जमीन तैयार की।
लेकिन नेशनल रैली पार्टी ने व्यापक समर्थन पाने के लिए अपनी बयानबाजी को नरम कर लिया है। अब ली पेन अक्सर इस मुद्दे को प्रशासनिक या नीतिगत मामला बताकर प्रस्तुत करती हैं।
एपी जोहेब