नीतीश का मुख्यमंत्री के तौर पर 10वीं बार शपथ लेना ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में शामिल
कैलाश सुरभि
- 05 Dec 2025, 10:11 PM
- Updated: 10:11 PM
पटना, पांच दिसंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर ‘‘ऐतिहासिक उपलब्धि’’ हासिल की है जिसे लंदन के ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में शुक्रवार को शामिल किया गया।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी देते हुए पोस्ट किया, ‘‘यह बताते हुए अत्यंत हर्ष और गर्व हो रहा है कि ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन’ ने माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की असाधारण उपलब्धि को रिकॉर्ड में शामिल किया है।’’
झा ने इसे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में ‘‘वास्तव में एक दुर्लभ उपलब्धि’’ बताया।
नीतीश कुमार पहली बार वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि बहुमत सिद्ध नहीं करने के कारण उन्हें सात दिनों में ही पद छोड़ना पड़ा। वर्ष 2005 से वह लगातार राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं, सिवाय उस संक्षिप्त अवधि के, जब 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने पद जीतन राम मांझी को सौंप दिया था।
उनका तीसरा शपथ ग्रहण 2010 के विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद हुआ, जबकि चौथी बार उन्होंने 2015 के राज्य चुनाव से पहले मांझी से राजनीतिक खींचतान के बीच पदभार संभाला। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन दोनों के साथ गठबंधन किए।
उन्होंने 2015 में अपने प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर पांचवीं बार शपथ ली। जुलाई 2017 में उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के 24 घंटे के भीतर ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से उन्हें छठी बार शपथ दिलाई गई और वह राजग में वापस आ गए।
राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने सातवीं बार शपथ ली, लेकिन जातीय जनगणना और भाजपा के ‘‘दबदबे’’ जैसे मुद्दों पर मतभेद बढ़ने के बाद 2022 में उन्होंने गठबंधन से नाता तोड़ लिया। इसके बाद राजद और कांग्रेस में लौटकर उन्होंने आठवीं बार शपथ ली।
हालांकि महागठबंधन 2.0 केवल 17 महीने ही चला। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने यह कहते हुए गठबंधन छोड़ दिया कि ‘‘सबकुछ ठीक नहीं था’’। वह एक बार फिर राजग में शामिल हुए और नौवीं बार मुख्यमंत्री बने। हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में राजग ने 243 में से 202 सीट पर विजय हासिल की, जिसके बाद कुमार ने 10वीं बार शपथ ली।
झा ने कहा, ‘‘संगठन के प्रशस्ति-पत्र में उल्लेख है कि यह उल्लेखनीय उपलब्धि उनके अटूट जनसेवा, स्थिर शासन और बिहार की जनता के निरंतर भरोसे का प्रतीक है। किसी राज्य का नेतृत्व दस बार करना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण और उसकी लोकतांत्रिक सुदृढ़ता का प्रमाण है।’’
उन्होंने बताया कि ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने नीतीश कुमार का नाम अपने प्रतिष्ठित वैश्विक अभिलेख में औपचारिक रूप से शामिल करने का इरादा व्यक्त किया है।
झा ने कहा, ‘‘यह बिहार के लिए गर्व का क्षण है और एक ऐसे नेता को सम्मान, जिनकी निरंतर प्रतिबद्धता राज्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही है।’’
भाषा कैलाश