तेजपुर विश्वविद्यालय विवाद: वरिष्ठतम संकाय सदस्य ने खुद ही कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार संभाला
जोहेब गोला
- 05 Dec 2025, 10:45 AM
- Updated: 10:45 AM
तेजपुर (असम), पांच दिसंबर (भाषा) असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में नाटकीय घटनाक्रम के बीच शुक्रवार को वरिष्ठतम संकाय सदस्य ने खुद ही कार्यवाहक कुलपति के तौर पर कार्यभार संभाल लिया।
विश्वविद्यालय पिछले सात दिन से पूरी तरह बंद है, जहां सितंबर के मध्य से भ्रष्टाचार के आरोप में कुलपति शंभू नाथ सिंह के खिलाफ आंदोलन जारी है। सिंह ने बृहस्पतिवार दोपहर प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) की बैठक बुलाकर जनसंचार विभाग के प्रोफेसर जोया चक्रवर्ती को प्रो-वाइस चांसलर नियुक्त किया था।
हालांकि चक्रवर्ती ने नियुक्ति स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद आंदोलन की अगुवाई कर रहे तेजपुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम (टीयूयूएफ) ने असम के सोनितपुर में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया।
विश्वविद्यालय में कामकाज 29 नवंबर से बंद है।
प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार के आरोपों में सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं।
बृहस्पतिवार देर रात समस्त विश्वविद्यालय समुदाय की बैठक हुई, जिसमें तेजपुर विश्वविद्यालय अधिनियम,1993 को स्वत: लागू करने का फैसला लिया गया। एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने यह जानकारी दी।
इसके बाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम संकाय सदस्य ध्रुव कुमार भट्टाचार्य ने तत्काल प्रभाव से कार्यवाहक कुलपति का पदभार संभाल लिया।
कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भट्टाचार्य ने इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर उन्हें नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया, साथ ही अधिनियम के संबंधित प्रावधानों का हवाला दिया।
‘पीटीआई’ ने बृहस्पतिवार को हुई बीओएम बैठक के बाद से सभी दस्तावेज और पत्रों को देखा है।
एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, “हम विरोध प्रदर्शन के दौरान मंत्रालय से किसी सकारात्मक कदम का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह पूरी तरह मूक दर्शक बना रहा। वास्तव में, अधिकारियों ने कुलपति सिंह के साथ मिलीभगत करके एक गंदी चाल चली और कल एक प्रो-वीसी नियुक्त कर दिया।”
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय सिंह को हटाने की मांग पर अड़ा हुआ है, और चूंकि वह लगभग तीन महीने से कैंपस में नहीं हैं, इसलिए अधिनियम के अनुसार एक कार्यवाहक कुलपति ने पदभार संभाल लिया।
कुलपति 22 सितंबर को विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ तीखी बहस और हंगामे के बाद से अनुपस्थित हैं।
प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से कम से कम 11 संकाय सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी या तो अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं या विश्वविद्यालय छोड़ चुके हैं।
तेजपुर विश्वविद्यालय में सितंबर के मध्य से स्थिति तनावपूर्ण है जब छात्रों ने कुलपति और विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गायक जुबिन गर्ग के निधन के बाद उनके प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया, जबकि राज्य में उनके निधन का शोक मनाया जा रहा था।
भाषा
जोहेब