धराली आपदा के चार महीने बाद भी मलबे में दबे 147 शवों को नहीं निकाला जा सका: कर्नल अजय कोठियाल (सेनि)
दीप्ति जितेंद्र
- 02 Dec 2025, 10:18 PM
- Updated: 10:18 PM
देहरादून, दो दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त) ने खेद जताया कि उत्तरकाशी जिले के धराली में आई आपदा के चार महीने बाद भी मलबे में दबे 147 लोगों के शवों को नहीं निकाला जा सका।
कर्नल कोठियाल ने कहा, “अगर हर्षिल में सेना ने मलबे में दबे 10 जवानों में से सात को बाहर निकाल लिया तो हम धराली में दबे हुए 147 लोगों को क्यों नहीं निकाल सकते।”
यहां दो दिन पहले ‘यूकॉस्ट’ द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड समिट ऑन डिजास्टर मैनेजमेंट’ पर आयोजित परिचर्चा में कर्नल कोठियाल ने आरोप लगाया कि आपदा के करीब चार माह बाद भी धराली बदहाल है और आपदा प्रबंधन तंत्र के जिम्मेदार अधिकारी, भूगर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ वहां के लोगों के लिए पुनर्वास के उचित रास्ते निकालने की बजाय चुनौतियों से बचने के बहाने खोजते हैं।
उन्होंने पांच अगस्त को आई भीषण आपदा के संबंध में आरोप लगाया कि प्रभावित क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ और आपदा प्रबंधन तंत्र के जिम्मेदार अधिकारी व वैज्ञानिक पुनर्वास के उचित रास्ते निकालने की बजाय चुनौतियों से बचने के बहाने खोजते हैं।
केदारनाथ आपदा के दौरान बचाव एवं तलाश अभियान के दौरान सराहनीय कार्य कर प्रसिद्ध हुए कर्नल कोठियाल (सेनि) के इस बयान को विपक्षी कांग्रेस ने राज्य सरकार की ‘पोल खोलने’ वाला करार दिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस पर जवाब देने की मांग की।
वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बयान पर गंभीरता से विचार करने और सरकार द्वारा यथोचित कार्रवाई करने की बात कही।
आपदा के बाद राज्य सरकार ने बताया था कि गंगोत्री धाम के मुख्य पड़ाव धराली में बादल फटने से खीरगाड़ में आयी भीषण बाढ़ में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी तथा 68 अन्य लापता हो गए थे।
कर्नल कोठियाल ने कहा, “अभी तक धराली में एक भी जगह काम नहीं हुआ। निर्माण तो छोड़ो, कोई कोशिश तो होनी चाहिए। वहां घर दबे हुए हैं, मेरे बच्चों की डिग्री वहां पड़ी है, मेरी बीवी का मंगलसूत्र वहां दबा हुआ है, मैं कैसे उस जगह को छोड़ सकता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने 147 लोगों को यह नहीं कह सकते कि हम उन्हें छोड़ देंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि मलबे में दबकर लोग मर गए लेकिन अगर हम धर्म और अध्यात्म को मानते हैं तो उन्हें मोक्ष तो नहीं मिला।
कर्नल कोठियाल को राज्य सरकार ने धराली आपदा के बाद गंगोत्री घाटी में पुनर्स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी है।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि धराली में बार-बार आपदा आने के बावजूद लोग वहां फिर बसते रहे तो उसके पीछे वहां बसने वाले लोगों का कोई ज्ञान तो रहा होगा।
उन्होंने कहा कि हिमालय में रहने की जगह सीमित है तो कोई ऐसा तरीका निकालना होगा कि वे वहां रह पाएं।
भाजपा नेता ने कहा कि आज हमारे पास नेहरू पर्वतारोहण संस्थान है, स्काउट-गाइड, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), आईटीबीपी, कई वैज्ञानिक संस्थान और अन्य उन्नत उपकरण हैं तो हम धराली के लिए कोई तरीका तो निकाल ही सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि वैज्ञानिकों ने इस आपदा को आरोप-प्रत्यारोप का खेल बना दिया है।
कर्नल कोठियाल ने कहा, “आज भूगर्भ शास्त्री कह रहे हैं कि हिमालय अस्थिर है तो यही बात चीन पर क्यों नहीं लागू होती। पड़ोसी मुल्क तो तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि धराली बहुत महत्वपूर्ण जगह है और सीमा पर स्थित प्रथम गांव हैं।
भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि हम धराली को छोड़ नहीं सकते।
उन्होंने कहा, “धराली एक आदर्श गांव बना, जहां आज से 25 साल पहले सेब लगाकर लोगों ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध किया। यहां का राजमा चर्चित है।”
कर्नल कोठियाल ने आरोप लगाया कि धराली पर रिपोर्ट तैयार करने गए चार वैज्ञानिक नीचे ही बैठे रहे और उन्होंने निम के दो लोगों को उपर भेज दिया, जो वहां से फोटो खींचकर लाए और रिपोर्ट बन गयी।
उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि वह रिपोर्ट सरकार को जमा हो रही है और उसके आधार पर निर्णय आएगा कि धराली को खाली कर दिया जाना चाहिए। वहां निर्माण कार्य करना गलत है।”
भाजपा विधायक और प्रदेश प्रवक्ता विनोद चमोली ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी संभव उपायों से धराली में राहत-बचाव कार्य संपन्न किए हैं लेकिन फिर भी हमारे एक वरिष्ठ और बचाव अभियानों में अनुभवी कार्यकर्ता के तथ्यों को पार्टी गंभीरता से लेगी और सरकार भी इस पर यथोचित कार्रवाई करेगी।
चमोली ने कहा, “कर्नल कोठियाल ने धराली आपदा को लेकर जो भी तथ्य कहे हैं, उसपर पार्टी गंभीरता से विचार-विमर्श करेगी और जरूरत के अनुसार सरकार भी उस पर निर्णय लेगी। पार्टी का मत स्पष्ट है कि कार्यकर्ता अगर कोई बात कहता है तो नेतृत्व उसे संज्ञान में लेता है।”
उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल एक वरिष्ठ कार्यकर्ता होने के साथ आपदा बचाव अभियान के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने केदारनाथ आपदा में बहुत काम किया है इसलिए विशेषज्ञता के आधार पर उनके पास जो भी अतिरिक्त जानकारी होगी, पार्टी नेतृत्व उनसे चर्चा करेगा।
चमोली ने आंकड़ों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि सरकार के पास सूचना एवं आंकड़े जुटाने के कई माध्यम हैं।
उन्होंने कहा, “जब भी कोई आपदा आती है तो सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता घायलों एवं प्रभावितों की जान बचाना होती है। दुर्भाग्य से जिन्हें बचाया नहीं जा सका, उनके आंकड़े जुटाने में भी दिक्कत होती है।”
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कर्नल कोठियाल के ताजा बयान ने धराली आपदा पर सरकार की ‘लीपा पोती’ और झूठ का पर्दाफाश कर दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर जनता को जवाब देना चाहिए।
धस्माना ने संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस पहले दिन से सरकार से धराली आपदा में हुए जान माल के नुकसान के बारे में प्रदेश की जनता को अवगत कराने की मांग कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, “आपदा के चार माह बाद भी सरकार धराली आपदा के आंकड़े छिपा रही है लेकिन कर्नल कोठियाल ने उनकी लीपा पोती और झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।”
धस्माना ने कहा कि भाजपा के एक दायित्वधारी ने बयान दिया है कि 147 लोग आज भी धराली में मलबे में दबे हैं तो इस मुद्दे पर कांग्रेस की मांग है कि इसका जवाब भाजपा के किसी प्रवक्ता को नहीं बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देना चाहिए।
भाषा दीप्ति