दिल्ली: सब्जी मंडी में चार मंजिला इमारत ढही, 22 लोगों को बचाया गया
अविनाश
- 09 Sep 2025, 09:52 PM
- Updated: 09:52 PM
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में सोमवार देर रात चार मंजिला एक इमारत के ढहने से आसपास की दो इमारतों के कुछ हिस्से गिर गए और कई लोग मलबे में दब गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि कई एजेंसियों की एक बचाव टीम ने सभी 22 लोगों को सुरक्षित बचा लिया।
उन्होंने बताया कि यह इमारत पंजाबी बस्ती में भीड़भाड़ वाली एक गली में थी और नगर निगम द्वारा असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद से यह खाली पड़ी थी।
स्थानीय लोगों ने हालांकि चार मंजिला इमारत के मालिक के खिलाफ कार्रवाई न करने की शिकायत की, जिसमें अन्य इमारतों को हुए नुकसान, निवासियों की जान को खतरा और लाखों रुपये के नुकसान का हवाला दिया गया।
उन्होंने बताया कि बूटा सिंह गुरुद्वारा के पास इमारत ढहने की सूचना देर रात करीब तीन बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को मिली और पुलिस की एक टीम अन्य कर्मचारियों के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंची।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बांठिया ने बताया, “जब हम पहुंचे तो पता चला कि पंजाबी बस्ती में चार मंजिला एक मकान ढह गया था, जिससे आस-पास की इमारतों और ढांचों में लगभग 20 से 22 लोग फंस गए थे।”
उन्होंने बताया कि दमकल की दो गाड़ियां, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम, छह पीसीआर वैन, चार एम्बुलेंस और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट कार्यालय के कर्मचारी बचाव अभियान में मदद के लिए मौके पर पहुंचे।
अधिकारी ने बताया, “सभी फंसे हुए निवासियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। कुछ को मामूली चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए बाड़ा हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें छुट्टी दे दी गई।”
स्थानीय निवासी हरदीप सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इमारत के मालिक लंबे समय से चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “मालिक आपस में ही उलझे हुए थे। हम उनसे बार-बार कहते रहे कि किसी दुर्घटना से बचने के लिए इमारत की मरम्मत कर दें लेकिन बार-बार आश्वासन देने के बावजूद कुछ नहीं किया गया।”
सिंह ने कहा, “इस इमारत के ढहने से लगभग 50 लाख रुपये का सामान नष्ट हो गया है। अगर यह दिन में हुआ होता, तो कम से कम 50 से 60 लोगों की जान जा सकती थी।”
एक अन्य निवासी सोनू पंडित ने कहा, “यह इमारत 2020 से क्षतिग्रस्त है। भूतल पर स्थित गोदाम के मालिक ने अन्य मालिकों से इसकी मरम्मत करने के लिए कहा था लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। हमें बहुत नुकसान हुआ है। भगवान की कृपा से यह रात में हुआ, दिन में नहीं।”
ढहे मकान के बगल वाली इमारत की तीसरी मंजिल पर रहने वाले विशाल ने बताया कि मालिकों से बार-बार इमारत की मरम्मत कराने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, “इसमें सहारा देने के लिए उचित खंभे भी नहीं थे। अगर उन्होंने कदम उठाया होता तो हमारी इमारत को भी नुकसान नहीं होता। अधिकारियों ने मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हमें न्याय चाहिए।”
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने एक बयान में बताया कि नियमित निरीक्षण के दौरान इमारत खतरनाक पाई गई थी।
निगम ने बताया, “एमसीडी की त्वरित कार्रवाई के कारण अगस्त के अंतिम सप्ताह में इमारत खाली करा ली गई। इमारत खाली कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और घटना के समय इमारत खाली पड़ी थी। एमसीडी अन्य एजेंसियों की मदद से मलबा हटा रही है।"
भाषा जितेंद्र