मोदी और पुतिन ने आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा की; वैश्विक लड़ाई का आह्वान किया
धीरज दिलीप
- 05 Dec 2025, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) भारत और रूस ने शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी गुप्त एजेंडे और दोहरे मापदंड के बिना किसी समझौते के वैश्विक लड़ाई का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह खतरा मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है।
प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय शिखर वार्ता में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की और आतंकवाद के प्रति ‘ कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति पर जोर दिया।
दोनों नेताओं ने आतंकवादियों की सीमापार से घुसपैठ और आतंकवाद के वित्तपोषण सहित सभी प्रकार के आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। चाहे वह पहलगाम में आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरतापूर्ण हमला - इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।’’
दोनों नेताओं ने शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि मोदी और पुतिन ने आतंकवाद के सभी कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की, चाहे उनका उद्देश्य कुछ भी हो।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘‘ दोनों नेताओं ने अलकायदा, आईएसआईएस/दाएश और उनके सहयोगियों सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों और संस्थाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। इसका उद्देश्य आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करना, आतंकवादी विचारधारा के प्रसार का मुकाबला करना, आतंकवादी वित्तपोषण के रास्तों और अंतरराष्ट्रीय अपराध के साथ उनके गठजोड़ को खत्म करना और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को रोकना है।’’
संयुक्त वक्तव्य के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और उग्रवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ ‘‘बिना किसी समझौते के लड़ाई’’ का आह्वान किया, तथा अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के ठोस आधार पर छिपे एजेंडे और दोहरे मानदंडों के बिना इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
इसमें कहा गया है,‘‘इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के दृढ़ कार्यान्वयन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के संतुलित कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।’’
भारत और रूस ने आतंकवाद से निपटने में देशों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर भी जोर दिया।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘‘उन्होंने आतंकवाद पर कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति और संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने, साथ ही आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने का आह्वान किया।’’
इसके मुताबिक, दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2022 में भारत में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की विशेष बैठक को भी याद किया और आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने पर सर्वसम्मति से अपनाई गई दिल्ली घोषणा का उल्लेख किया।
संयुक्त वक्तव्य के मुताबिक, भारत और रूस ने कहा कि घोषणापत्र का उद्देश्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का आतंकवाद के लिए दुरुपयोग से जुड़ी मुख्य चिंताओं को शामिल करना है।
वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में और अधिक सहयोग विकसित करने की अपनी तत्परता भी व्यक्त की, जिसमें ऑनलाइन क्षेत्र में कट्टरपंथ और चरमपंथी विचारधारा के प्रसार को रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।’’
इसके मुताबिक, दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच घनिष्ठ समन्वय को भी रेखांकित किया।
दोनों नेताओं ने मॉस्को प्रारूप बैठकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
मोदी और पुतिन ने आईएसआईएस और आईएसकेपी (इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत) और उनके सहयोगियों सहित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी उपायों का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यापक और प्रभावी होगी।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने अफगान लोगों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।’’
भाषा धीरज