भारत, रूस ने माल एवं वाहनों की आगमन-पूर्व सूचना के आदान-प्रदान समझौते पर किए हस्ताक्षर
प्रेम
- 04 Dec 2025, 10:45 PM
- Updated: 10:45 PM
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) भारत और रूस के सीमा-शुल्क अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच माल एवं वाहनों का आवाजाही के संबंध में आगमन-पूर्व सूचना के आदान-प्रदान पर सहयोग के लिए बृहस्पतिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक चतुर्वेदी और रूस की संघीय सीमा-शुल्क सेवा (एफसीएस) की उप प्रमुख तातियाना मर्कुशोवा ने 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के पहले इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
आगमन-पूर्व सूचना के आदान-प्रदान से सीमा शुल्क को जोखिमों का आकलन करने एवं अग्रिम रूप से माल की प्रक्रिया करने में सहायता मिलती है। इससे सीमा पर तीव्र और अधिक सुरक्षित निकासी सुनिश्चित होती है।
सीबीआईसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘इससे व्यापार सुविधा मजबूत होगी और सीमापार आवागमन में सुरक्षा, पारदर्शिता एवं समग्र दक्षता बढ़ेगी। ’’
इसके अलावा भारत और रूस ने कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की ताकि कृषि व्यापार को मजबूत किया जा सके एवं आधुनिक कृषि अवसरों का दोहन किया जा सके।
भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय राजधानी में रूसी समकक्ष ओक्साना लुट से मुलाकात की।
चौहान ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘रूस की कृषि मंत्री ओक्साना लुट से मिलकर खुशी हुई। हमने कृषि में भारत-रूस सहयोग को मजबूत करने के तरीकों और आधुनिक खेती, नवाचार, अनुसंधान आदान-प्रदान एवं सतत विकास के अवसरों पर चर्चा की।’’
भारत के मत्स्यपालन, पशुपालन एवं दुग्ध मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी रूस की कृषि मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘ बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने मत्स्य पालन, पशु एवं दुग्ध उत्पादों में आपसी व्यापार बढ़ाने, बाजार पहुंच संबंधी मुद्दों को सुलझाने एवं निर्यात में तेजी लाने पर चर्चा की।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के नेताओं के बीच ये बैठकें हुईं।
प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली पहुंचे। चार वर्षों में यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
भाषा निहारिका