अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई तेज, पुलिस और खुफिया इकाइयों ने कई जिलों में गहन जांच अभियान शुरू किया
सं जफर नोमान
- 04 Dec 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
लखनऊ, चार दिसम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच, पुलिस और खुफिया इकाइयों ने बृहस्पतिवार को प्रमुख जिलों में गहन सत्यापन अभियान चलाया।
इस समन्वित अभियान के तहत, राज्य की राजधानी लखनऊ, कन्नौज, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, गोरखपुर, आगरा, सहारनपुर, मथुरा और कई अन्य जिलों में इसी तरह की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने नगर निकायों और पुलिस इकाइयों को अपने क्षेत्र में रहने वाले सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान करने, उनके दस्तावेजों की जांच करने और वैध दस्तावेजों के अभाव वाले अप्रवासियों की जिला-वार सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को सरकारी भवनों और पुलिस केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया है जिन्हें निर्वासन प्रक्रिया पूरी होने तक अस्थायी हिरासत केंद्रों में परिवर्तित किया जा सके।
बागपत में, पुलिस अधीक्षक (एसपी) सूरज कुमार राय ने कहा कि स्थानीय थानों और खुफिया इकाइयों की मदद से संवेदनशील स्थानों की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया, "किरायेदारों, बाहरी लोगों और ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है जो वैध दस्तावेजों के बिना रह रहे हैं। अब तक किसी भी अवैध अप्रवासी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सतर्कता जारी है।"
मेरठ में, जिला प्रशासन ने संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की जांच तेज कर दी है।
जिलाधिकारी वीके सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कार्रवाई की निगरानी वरिष्ठ स्तर पर की जा रही है और "यदि सरकार हमें हिरासत केंद्र स्थापित करने का निर्देश देती है, तो हम तुरंत ऐसे करेंगे।"
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि हाल में जिले में आने वाले लोगों की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, "यदि कोई अवैध अप्रवासी पाया जाता है, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डेटा एकत्र किया जा रहा है और जांच के लिए संबंधित राज्यों को भेजा जा रहा है।"
आगरा में, पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों ने व्यापक जांच शुरू की है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां अवैध अप्रवासियों के रहने की संभावना है।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि निगम ने लगभग 5,000 सफाई कर्मचारियों की सूची जांच के लिए सौंपी है।
उन्होंने कहा, "लखनऊ में कुछ सफाई कर्मचारी संदिग्ध पाए गए थे, इसलिए यहां भी इसी तरह की जांच शुरू की गई है।"
पुलिस उपायुक्त (शहर) सैयद अली अब्बास ने कहा कि सभी थानों को सत्यापन तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, विशेषकर घनी अनधिकृत बस्तियों वाले क्षेत्रों में।
उन्होंने कहा, "स्थानीय खुफिया इकाइयां, गुप्तचर ब्यूरो और जिला पुलिस निवास संबंधी दस्तावेज़ों की जांच कर रहे हैं। सत्यापन का काम आने वाले दिनों में पूरा हो जाएगा।"
भाषा सं जफर