उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले बढ़े, राज्य की मदद करे केंद्र सरकार: भाजपा सांसद
सुभाष वैभव
- 05 Dec 2025, 04:22 PM
- Updated: 04:22 PM
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) भाजपा के एक सांसद ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों, विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र में हाल में जंगली जानवरों के हमले बढ़ने का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठाया और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की एक टीम तुरंत भेजने का आग्रह किया। भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने शून्यकाल के दौरान कहा कि पिछले तीन हफ्ते में तेंदुए के हमले से चार लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में ये हमले अचानक बढ़े हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि भालू के हमले भी अचानक बढ़े हैं, जो इस मौसम में आमतौर पर नहीं होते थे। बलूनी ने कहा, ‘‘लोग बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर रहे हैं और अंधेरा होते ही पहाड़ों पर कर्फ्यू जैसी हालत हो जाती है।’’
भाजपा सांसद ने सदन में उपस्थित पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से इस संबंध में राज्य की मदद करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हमें (राज्य को) नये आधुनिक पिंजरों और पशुओं को बेहोश करने में उपयोग किये जाने वाले उपकरण की जरूरत है।’’
उन्होंने पर्यावरण मंत्री से भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की एक टीम तुरंत भेजने का आग्रह किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस तरह के हमलों में अचानक तेजी क्यों आई है।
कांग्रेस की गुणीवेन ठाकोर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बनासकांठा और गुजरात के कई जिलों में यूरिया की गंभीर कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, ‘‘गुजरात में शराब और ड्रग्स की होम डिलिवरी हो रही है, लेकिन किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। यह ‘गुजरात मॉडल’ है।’’
उन्होंने राज्य में यूरिया की कथित कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की।
मेघालय के तुरा से कांग्रेस सांसद एस. ए. संगमा ने दावा किया कि उनके राज्य में एक भी नशा मुक्ति केंद्र नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन लाख से अधिक लोग, 15 से 29 वर्ष आयुवर्ग के, मादक पदार्थों के सेवन के आदी हैं और हजारों युवा एचआईवी से ग्रसित हैं।’’
उन्होंने राज्य में एक भी ‘डायग्नोसिस सेंटर’, यहां तक कि नशा मुक्ति केंद्र नहीं होने का दावा किया और प्रत्येक जिले में कम से कम दो से तीन नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की मांग की।
कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने घग्गर नदी में बढ़ते प्रदूषण तथा इससे प्रभावित हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों के लाखों लोगों को पेश आ रही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कई गांवों में कैंसर, हेपटाइटिस सी, त्वचा रोग, किडनी रोग तथा पाचन संबंधी बीमारियों में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
उन्होंने सिरसा जिले में घग्गर नदी के किनारे स्थित गांवों में तत्काल भाखड़ा नहर का पानी उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि कैंसर और गंभीर बीमारियों की रोकथाम हो सके।
भाजपा के अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध बनाने से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 339 गांवों से 20,772 परिवारों को हटाया गया और उन्हें राजस्थान में जमीन देने के वादे किये गए थे।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के इन परिवारों का क्या कसूर था कि उन्हें वादे के मुताबिक राजस्थान में जमीन नहीं मिल पाई।’’
ठाकुर ने कहा कि आज भी 6,700 से ज्यादा (विस्थापित) परिवार जमीन मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कितनी सरकारें आकर चली गईं। मैं भाजपा, कांग्रेस की बात नहीं कर रहा। भले ही उस समय कांग्रेस (सरकार) का निर्णय रहा होगा, लेकिन राजस्थान में एक के बाद दूसरी सरकार आई और चली गई...।’’
उन्होंने केंद्र से मांग की कि जल शक्ति मंत्रालय और गृह मंत्रालय हिमाचल के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में सौंपी गई एक रिपोर्ट की अंतर-मंत्रालयी समीक्षा करे और एक केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति गठित की जाए। उन्होंने राजस्थान सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का एक संयुक्त कार्य बल गठित करने की मांग की ताकि विस्थापितों को उनका हक मिल सके।
तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने केंद्र द्वारा जल जीवन मिशन के तहत पश्चिम बंगाल को निधि में कटौती किये जाने और इसे जारी करने में विलंब करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए निधि में अत्यधिक कटौती की गई है जिससे राज्य में जारी पेयजल परियोजनाओं का कार्यान्वयन बाधित हुआ है और इस अचानक कटौती के कारण पाइपलाइन बिछाने का काम प्रभावित हुआ है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने जम्मू कश्मीर में एक पत्रकार का कथित तौर पर घर गिराये जाने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘बिना नोटिस के और बिना किसी कानूनी कार्यवाही के एक मुसलमान हमसाये का घर गिराया गया, ऐसा किस कानून के तहत किया गया।’’
भाषा सुभाष