उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की पूर्व सांसद की याचिका ठुकराई
आशीष पवनेश
- 03 Dec 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकारें संबंधित उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा वापस नहीं ले सकतीं।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एन के सिंह की पीठ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने 2007 के शस्त्र लाइसेंस मामले में अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया था।
पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अभियोजन वापस लेने का प्रयास करने से पहले उच्च न्यायालय से अनिवार्य अनुमति प्राप्त करने में विफल रही।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था कि "किसी भी मौजूदा या पूर्व सांसद, विधायक के खिलाफ कोई भी अभियोजन उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना वापस नहीं लिया जाएगा...।"
फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति करोल ने शीर्ष अदालत के पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सांसदों या विधायकों से संबंधित मामलों को वापस लेने की याचिकाओं पर सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय को अपने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल करना होगा।
न्यायालय ने कहा, ‘‘जैसा कि स्पष्ट है, वर्तमान मामले में यह अनुमति मौजूद नहीं है। इसलिए, संबंधित निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है। उच्च न्यायालय ने याचिका को उचित रूप से खारिज कर दिया। अपील खारिज की जाती है।’’
पटेल के पास वैध शस्त्र लाइसेंस था, पर 12 जून 2007 को शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें लाइसेंस में अनियमितता का आरोप लगाया गया था। जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया गया और उसके तुरंत बाद संज्ञान लिया गया।
रायबरेली के ज़िला मजिस्ट्रेट ने बाद में जुलाई 2012 में पटेल का शस्त्र लाइसेंस बहाल कर दिया, लेकिन राज्य सरकार ने 2014 में जनहित का हवाला देते हुए 2007 के मामलों को वापस लेने का फ़ैसला किया।
हालांकि, अक्टूबर 2021 में, निचली अदालत ने यह कहते हुए वापसी की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि राज्य ने शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार उच्च न्यायालय की अनिवार्य मंजूरी हासिल नहीं की थी।
उसने अनुमति प्राप्त करने के लिए 30 दिन का समय दिया, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पटेल ने कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने याचिका को खारिज कर दिया गया। इसके बाद शीर्ष अदालत में अपील दायर की गई।
भाषा आशीष