मप्र में एमएसपी कानून, कर्ज माफी पर किसानों का प्रदर्शन, आश्वासन के बाद धरना स्थगित
सं ब्रजेन्द्र खारी
- 01 Dec 2025, 10:21 PM
- Updated: 10:21 PM
धार (मध्यप्रदेश), एक दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के धार जिले में किसानों ने कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी के लिए कानून बनाने व गाय को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा देने की मांग को लेकर सोमवार को एक टोल प्लाजा पर धरना दिया।
हालांकि, देर शाम धार जिलाधिकारी प्रियंक मिश्रा ने किसान नेताओं से बातचीत की और संवाददाताओं को बताया कि प्रशासन की ओर से किसानों की मांग को लेकर आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने धरना स्थगित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर आक्रोशित किसानों के साथ बातचीत की गई और इस दौरान यह निर्णय लिया गया है कि उनकी वे मांगें, जिन्हें केंद्र द्वारा हल किया जा सकता है, उन्हें क्षेत्र के स्थानीय सांसदों के माध्यम से उचित अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘राज्य से संबंधित मुद्दों को जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार को भेजकर उनका समाधान किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि विस्तृत चर्चा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन के कारण व्यस्त सड़क पर यातायात का मार्ग बदल दिया गया है।
इससे पहले, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले खलघाट टोल प्लाजा पर तड़के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और ट्रैक्टर खड़े कर चार लेन की सड़क के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन लगातार किसानों के साथ बातचीत कर शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
किसान नेता सीताराम इंगला ने कहा, ‘‘हमने पूर्व निर्धारित सरकारी खरीद योजना के अनुसार मक्का, सोयाबीन और कपास जैसी प्रमुख फसलों की खरीद की व्यवस्था करने का प्रस्ताव दिया है। हम यह भी मांग करते हैं कि सभी किसानों के कर्ज माफ किए जाए और एमएसपी गारंटी को कानून के रूप में लागू किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि धार, खंडवा, खरगोन और बड़वानी जिलों के किसान आंदोलन में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि गाय को ‘‘राष्ट्र की माता’’ का दर्जा दिया जाए और किसानों के हित में निर्यात-आयात नीति में बदलाव किया जाए ताकि दालों, कपास और प्याज का निर्यात खोला जा सके।
इंगला ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती, तब तक प्रदर्शनकारी वहां बने रहेंगे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमने पिछले पांच महीनों से सरकारी प्रशासन को ज्ञापन सौंपे हैं और बार-बार अनुरोध करने के बावजूद हमारी दलीलों पर कोई सुनवाई नहीं की गई।’’
इंगला ने कहा कि अगर सरकार किसानों को खलघाट में इकट्ठा होने से रोकने की कोशिश करती है तो विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
धार के पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने कहा कि कुछ किसान अपनी मांगों को लेकर आज सुबह से ही मौके पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं, चार लेन की सड़क के एक तरफ को अवरुद्ध कर दिया है।’’
अवस्थी ने कहा, ‘‘यातायात जाम होने की स्थिति में हम दोनों ओर से यातायात मार्ग में परिवर्तन करेंगे।’’
भाषा सं ब्रजेन्द्र