केंद्र दुबई में बंधक बनायी गयी महिला को सुरक्षा प्रदान करे, भारत लौटने में मदद करे: उच्च न्यायालय
राजकुमार संतोष
- 01 Dec 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास को निर्देश दिया है कि वे वहां एक विदेशी नागरिक द्वारा कथित रूप से बंधक बनाकर रखी गयी 25 वर्षीय भारतीय महिला की सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने केंद्रीय प्रशासन से यह भी कहा कि यदि महिला चाहे तो वह उसे भारत लौटने में मदद करे।
उच्च न्यायालय ने 26 नवंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास को याचिकाकर्ता की बेटी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने तथा वर्तमान याचिका में लगाए गए आरोपों को सत्यापित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।’’
उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासन से दो सप्ताह के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर नियत की।
उच्च न्यायालय एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें विदेश मंत्रालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह उसके आवेदन पर विचार करे और उसकी 25 वर्षीय भारतीय बेटी को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए, जहां उसे कथित तौर पर एक विदेशी नागरिक ने बंधक बना रखा है।
याचिकाकर्ता वी. थिरुनावुक्कारासु ने कहा कि उनकी बेटी चेन्नई के एक अस्पताल में नर्स के रूप में काम कर रही थी जहां एक विदेशी नागरिक इलाज के लिए आया था और वहीं दोनों की जान-पहचान हुई थी।
उन्होंने दावा किया कि विदेशी नागरिक ने उनकी बेटी को दुबई में एक साल के लिए चिकित्सा सहायक की नौकरी की पेशकश की थी।
याचिकाकर्ता के अनुसार उसकी बात पर विश्वास करते हुए और प्रस्तावित वेतन को देखते हुए, उनकी बेटी मान गई और जनवरी 2023 में दुबई चली गई।
याचिका में कहा गया है कि कुछ समय बाद, परिवार का अपनी बेटी से संपर्क धीरे-धीरे कम हो गया और दो साल बाद भी उस व्यक्ति द्वारा उसे भारत लौटने की इजाजत नहीं दी गई।
इसमें आरोप लगाया गया है कि उस व्यक्ति ने महिला को भारत लौटने से रोकने के लिए उसका पासपोर्ट और वीज़ा अवैध रूप से जब्त कर लिया।
याचिका में कहा गया है कि अक्टूबर में याचिकाकर्ता को अपनी बेटी का एक परेशान करने वाला फोन आया, जिसमें उसने बताया कि उसका शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है और उसे बुनियादी ज़रूरतों से भी वंचित रखा जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को महिला द्वारा भेजी गई कुछ तस्वीरें भी दिखाईं, जिनमें उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न की बातें नजर आ रही हैं।
भाषा राजकुमार