जी20 शिखर सम्मेलन में विकासशील देशों ने जलवायु कार्रवाई और ऋण राहत पर जोर दिया
एपी धीरज सुभाष
- 23 Nov 2025, 10:11 PM
- Updated: 10:11 PM
जोहानिसबर्ग, 23 नवंबर (एपी) दक्षिण अफ्रीका में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले गरीब देशों ने इस बैठक का उपयोग नेताओं पर जलवायु कार्रवाई और उच्च स्तर के ऋण के मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए किया है, जो विकासशील देशों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले मुद्दे हैं।
उन्होंने खनन, प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित अन्य क्षेत्रों में सहायता करने के साथ-साथ स्वयं को आर्थिक साझेदार के रूप में स्थापित करने का भी प्रयास किया है।
कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका की सराहना की, जिसने वैश्विक असमानता को रेखांकित करते हुए गरीब देशों की जरूरतों को प्राथमिकता देने वाले एक समावेशी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जी20 की अध्यक्षता अमेरिका को सौंपी है।
अमेरिका ने जोहानिसबर्ग सम्मेलन का बहिष्कार किया, जिसका उद्देश्य अमीर और विकासशील देशों को एक साथ लाना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि दक्षिण अफ्रीका अपने अफ्रीकी श्वेत अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है।
दक्षिण अफ्रीका में संपन्न जी20 सम्मेलन में सदस्य देशों के अलावा अफ्रीकी संघ, यूरोपीय संघ के अलावा जिम्बाब्वे, नामीबिया, जमैका और मलेशिया जैसे कई विकासशील देशों को भी बतौर अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया था।
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद ने प्रतिनिधियों से कहा,‘‘हम यहां निराशा की बात करने के लिए नहीं आए हैं, हम यहां संभावनाओं और साझा जिम्मेदारियों की बात करने आए हैं।’’
अहमद ने कहा कि ऋण राहत को ऐसे निवेशों में बदलना होगा जिनसे लोगों को लाभ हो। उन्होंने कहा, ‘‘इथियोपिया में, हमने सीखा है कि समावेशिता दान नहीं, बल्कि दक्षता है।’’
नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने विकासशील देशों के लिए उचित वित्तपोषण व्यवस्था का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनके देश ने हाल में अपने 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बॉण्ड का समय पर भुगतान किया है।
नदैतवा ने कहा, ‘‘हालांकि, निर्णयकर्ता हमें एक जोखिम भरा देश मानते हैं। हमें निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की ज़रूरत है।’’
जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू माइकल होलनेस ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं और विकासशील देशों पर उनके प्रभाव का मुद्दा उठाया, जैसे कि तूफान मेलिसा, जिसने उनके देश को तबाह कर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बाहरी झटका वर्षों की प्रगति को नष्ट कर सकता है।’’
विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक एन. ओकोन्जो-इवेला ने रविवार को अफ्रीकी नेताओं से आग्रह किया कि वे नीतियां अपनाते समय अन्य देशों के साथ भविष्य के व्यापार के बारे में सावधानी से सोचें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम खुद को किस तरह स्थापित करते हैं, यह हम पर और हमारे नीति-निर्माताओं पर निर्भर करता है। इसलिए अगर हम निर्यात जारी रखते हैं और देखते हैं कि हमारे निर्यात का 60 प्रतिशत हिस्सा वस्तुओं और कच्चे माल का है, तो हालात नहीं बदलेंगे।’’
विचार संस्था ऑक्सफैम में आर्थिक और नस्लीय न्याय के निदेशक नबील अहमद ने कहा, ‘‘हम उप-क्षेत्रीय और क्षेत्रीय मूल्य शृंखलाएं बनाकर कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद तक पहुंच सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि जी20 एजेंडा में असमानता को मुख्य रूप से शामिल किया गया।
एपी धीरज