बीएलओ पर अत्यधिक दबाव डाल रहा है निर्वाचन आयोग : टीएमसी
प्रशांत नरेश
- 23 Nov 2025, 09:22 PM
- Updated: 09:22 PM
कोलकाता, 23 नवंबर (भाषा) मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान अत्यधिक कार्य-संबंधी तनाव के आरोपों के बीच तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कमल नस्कर के परिवार ने बताया कि वह गंभीर मानसिक और शारीरिक तनाव में थे और डिजिटल रूप से डेटा अपलोड करने के लिए देर रात तक जागते रहते थे।
हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें उनके अस्पताल में भर्ती होने संबंधी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
नस्कर के भाई, जो जयनगर में हेडमास्टर हैं और वहीं बीएलओ भी हैं, ने बताया कि कमल को 13 नवंबर को फ़ॉर्म मिले थे और उन्होंने उन्हें वितरित किया।
उनके भाई ने बताया, “कमल दोपहर से देर शाम तक फ़ॉर्म एकत्र कर रहे थे और रात तीन बजे तक विवरण डिजिटल रूप से अपलोड कर रहे थे। उन्हें यह काम 26 नवंबर तक पूरा करना है और वे अत्यधिक तनाव में थे।”
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि नस्कर काम के अत्यधिक दबाव के कारण बीमार हो गए।
हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “काम के तनाव के कारण किसी के बीमार होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।”
इसी बीच, राज्य के बीएलओ के एक मंच ने रविवार को घोषणा की कि वे सोमवार को कॉलेज स्क्वायर से सीईओ कार्यालय तक रैली निकालेंगे। मंच का कहना है कि उन्हें “अमानवीय तनाव” झेलना पड़ रहा है और बार-बार अनुरोधों के बावजूद चुनाव आयोग ने उनका कार्यभार कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
बीएलओ अधिकार रक्षा समिति, जिसमें स्कूल शिक्षक, कॉलेज शिक्षक और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल हैं, ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया वर्तमान तरीके से जारी नहीं रह सकती।
तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर बीएलओ पर “अमानवीय कार्य दबाव” थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इसके कारण मौतें हुई हैं और “5–6 अधिकारी गंभीर रूप से बीमार” हैं।
उन्होंने दावा किया कि ड्यूटी के दौरान 14 मौतें हो चुकी हैं और तीन आत्महत्या के प्रयास भी हुए हैं। उन्होंने यह चिंता भी जताई कि आने वाले सात दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है।
बनर्जी ने भाजपा नेताओं पर चुनाव आयोग पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को इन मौतों के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की।
भाषा प्रशांत