भाजपा ‘चिकित्सा विज्ञान का सांप्रदायिकरण’ कर रही : सज्जाद लोन
खारी नरेश
- 23 Nov 2025, 06:49 PM
- Updated: 06:49 PM
श्रीनगर, 23 नवंबर (भाषा) पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर “चिकित्सा विज्ञान का सांप्रदायिकरण करने” का आरोप लगाया।
लोन ने यह आरोप एक विश्वविद्यालय में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले में हिंदू छात्रों के लिए भाजपा विधायक आर एस पठानिया द्वारा आरक्षण की मांग करने के बाद लगाया है।
लोन अतीत में भाजपा के सहयोगी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में दाखिला राष्ट्रीय स्तर की योग्यता आधारित परीक्षा के जरिये होना चाहिए।
श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला पाने वाले छात्रों की सूची में 50 में से 42 छात्रों के कश्मीर से होने की बात सामने आने के बाद कई हिंदू संगठन ने नाराजगी जताई है।
भाजपा विधायक पठानिया ने रियासी जिले में स्थित विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेज में हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग की है। भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की और मेडिकल कॉलेज की प्रवेश सूची पर अपनी आपत्तियां उठाईं।
लोन ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा का रुख “चिकित्सा विज्ञान के सांप्रदायिकरण के उसके खतरनाक प्रयास” को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि ताजा विमर्श “देश के सबसे कठोर और योग्यता-आधारित विषयों में से एक के राजनीतिकरण के गंभीर रूप से परेशान करने वाले प्रयास को” भी दर्शाता है।
हंदवाड़ा से विधायक लोन ने कहा, “इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा बढ़ाया जा रहा है। यह एक प्रतिष्ठित विषय का राजनीतिकरण करने का प्रयास है।”
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता तनवीर सादिक ने एसएमवीडीआईएमई में प्रवेश सूची को रद्द करने के भाजपा के आह्वान की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि देवी में आस्था रखने वाले विद्यार्थियों के लिए सीट आरक्षित करने की मांग ‘‘भ्रामक और खतरनाक’’ है।
सादिक ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘जब आप संस्थानों का सांप्रदायिकरण करते है तो आप केवल राजनीति नहीं कर रहे, बल्कि समाज को उसके मूल से विभाजित कर रहे हैं। अगर अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज धर्म के आधार पर प्रवेश तय करने लगेंगे, तो हमारा देश कैसा होगा? क्या कल मरीज को उसकी आस्था के अनुसार इलाज मिलेगा? क्या योग्यता को पीछे कर दिया जाएगा सिर्फ बहुसंख्यक की मांग पूरी करने के लिए? यह आपदा की तैयारी है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असंतुष्ट नेता जहांजैब सिरवाल ने भी मुस्लिम छात्रों के लिए आवंटित सीट को रद्द करने की मांग की आलोचना की। उन्होंने इसे “गैर जिम्मेदाराना और असंवैधानिक” बताया और कहा कि यह संस्थान जम्मू-कश्मीर विधानसभा के कानून के तहत स्थापित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है।
भाषा
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