प्रधानमंत्री मोदी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहानिसबर्ग पहुंचे
यासिर अविनाश
- 21 Nov 2025, 11:41 PM
- Updated: 11:41 PM
(तस्वीरों के साथ)
जोहानिसबर्ग, 21 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ ‘सार्थक चर्चा’ की उम्मीद करते हैं।
मोदी गौतेंग स्थित वाटरलूफ वायुसैनिक अड्डा (एएफबी) पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दक्षिण अफ्रीकी वायु सेना की ओर से उन्हें रेड कार्पेट पर सलामी दी गई।
हवाई अड्डे पर दक्षिण अफ्रीका के मंत्री खुम्बुद्जो एनत्शावेनी ने मोदी की अगवानी की। एक सांस्कृतिक दल ने उनके स्वागत में पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए।
प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जोहानिसबर्ग पहुंच गया हूं। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा करता हूं। हमारा ध्यान सहयोग को मजबूत करने, विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर होगा।”
यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।
जब मोदी होटल पहुंचे, तो बच्चों के एक समूह ने एक प्रार्थना का पाठ कर उनका स्वागत किया। स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों की सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की गई।
प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रों का पाठ कर रहे बच्चों से बातचीत भी की। वह संगीतमय प्रस्तुतियों की धुनों पर तालियां बजाते नजर आए। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से हाथ मिलाया और बातचीत की, जो ‘मोदी-मोदी’ का नारा लगा रहे थे।
मोदी ने कहा, “मैं जोहानिसबर्ग में भारतीय समुदाय से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत महसूस कर रहा हूं। यह स्नेह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच के अटूट बंधन को दर्शाता है। ये संबंध इतिहास में निहित हैं और साझा मूल्यों से और भी मजबूत होते जा रहे हैं!”
उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक संबंध “सचमुच दिल को छू लेने वाले और शाश्वत” हैं।
मोदी ने कहा, “जोहानिसबर्ग में मेरे युवा मित्रों ने गणपति प्रार्थना, शांति मंत्र और अन्य दिव्य प्रार्थनाओं का बड़ी श्रद्धा से पाठ किया। ऐसे पल हमारे लोगों के बीच के अटूट बंधन की पुष्टि करते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में भारत की जीवंत सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित हुई। भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘एकजुट भारत की लय’ शीर्षक से आयोजित लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत के 11 राज्यों के लोक नृत्यों का प्रदर्शन करने में अग्रणी भूमिका निभाई। यह सराहनीय है कि भारतीय समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है।’’
मोदी ने कहा कि जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीकी गिरमिटिया गीत 'गंगा मैया' की प्रस्तुति देखना उनके लिए एक सुखद और भावुक अनुभव था।
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रदर्शन का एक और विशेष हिस्सा यह था कि यह तमिल में प्रस्तुति थी। यह गीत उन लोगों की आशा और अटूट भावना को समेटे हुए है जो कई साल पहले यहां आए थे। रास्ते में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन वे विचलित नहीं हुए। उन्होंने गीतों और प्रार्थनाओं के माध्यम से भारत को अपने दिलों में जीवित रखा। इस प्रकार, इस सांस्कृतिक जुड़ाव को जीवित देखना सराहनीय है।’’
मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की सातवीं पीढ़ी के लोगों को ‘ओसीआई’ सुविधा देने के भारत सरकार के फैसले से प्रवासी भारतीय समुदाय बहुत खुश है। इससे पहले यह सुविधा केवल चौथी पीढ़ी तक ही उपलब्ध थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे दक्षिण अफ्रीका में गतिशील भारतीय समुदाय के साथ हमारे स्थायी संबंध मजबूत होंगे।’’
शिखर सम्मेलन से इतर मोदी के जोहानिसबर्ग में कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है। वह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के त्रिपक्षीय समूह ‘आईबीएसए’ के छठे शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।
मोदी ने दिल्ली से जोहानिसबर्ग रवाना होने से पहले कहा कि वह शिखर सम्मेलन में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप भारत का रुख पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस साल के जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है, जिसके जरिए दक्षिण अफ्रीका ने नयी दिल्ली और रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में आयोजित पिछले शिखर सम्मेलनों के परिणामों को आगे बढ़ाया है।
मोदी ने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन से इतर साझेदार देशों के नेताओं के साथ होने वाली अपनी बातचीत और इस दौरान आयोजित होने वाले छठे आईबीएसए शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी को लेकर उत्सुक हूं।”
प्रधानमंत्री के जी-20 शिखर सम्मेलन के तीनों सत्रों को संबोधित करने की उम्मीद है।
शिखर सम्मेलन के पहले सत्र का विषय “समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे : हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण, व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण का बोझ” है।
वहीं, दो अन्य सत्र का विषय “एक लचीली दुनिया-जी20 का योगदान : आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य प्रणालियां”; और “सभी के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत भविष्य : महत्वपूर्ण खनिज, सभ्य कार्य, कृत्रिम बुद्धिमत्ता” रखा गया है।
यह ‘ग्लोबल साउथ’ के किसी देश में आयोजित होने वाला लगातार चौथा शिखर सम्मेलन होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के उनके समकक्ष शी चिनफिंग इस साल जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
भाषा यासिर