दिल्ली सरकार ने बेघरों को आश्रय देने के लिए शीतकालीन कार्य योजना शुरू की
नेत्रपाल
- 14 Nov 2025, 07:19 PM
- Updated: 07:19 PM
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में सर्दी बढ़ने के साथ ही दिल्ली सरकार ने बेघर लोगों को आश्रय देने के लिए शीतकालीन कार्ययोजना शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत, बेघरों को गर्म बिस्तर, चादरें, गर्म पानी और शौचालय, पीने का पानी, लॉकर और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने कहा कि वह वर्तमान में शहर भर में 197 आश्रय गृहों का संचालन कर रहा है जिनमें 82 स्थायी भवन और 115 अस्थायी संरचनाएं शामिल हैं।
डूसिब ने कहा कि 15 नवंबर से बेघर लोगों की बड़ी संख्या वाले स्थानों पर ‘पगोडा’ शैली के लगभग 200-250 तंबू लगाए जाएंगे जिससे बिस्तरों की संख्या में 2,000 से 2,500 तक की वृद्धि होगी। इसने कहा कि ये अस्थायी आश्रय स्थल 15 मार्च तक संचालित रहेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, खुले में सोने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए डूसिब रोज रात 10 बजे से सुबह चार बजे के बीच 15 बचाव टीम तैनात करेगा। प्रत्येक टीम में एक वाहन, एक चालक और दो सहायक होंगे जो डूसिब नियंत्रण कक्ष या नागरिकों से मिलने वाली सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई करेंगे।
इस योजना के कार्यान्वयन और समन्वय की निगरानी एक संयुक्त शीर्ष सलाहकार समिति करेगी तथा आश्रय गृहों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगी। इस समिति में दिल्ली जल बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय और पुलिस सहित कई एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं।
डूसिब ने कहा कि उच्चचम न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति भी नियमित अंतराल पर प्रगति की समीक्षा करेगी जबकि मंडल अभियंता और विभागीय टीम सभी आश्रय गृहों के रखरखाव की जांच करेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, ‘रेन बसेरा’ ऐप को 10 नवंबर को फिर से शुरू किया गया। इस ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक, जरूरतमंद बेघर व्यक्ति की तस्वीर अपलोड कर सकता है। डूसिब ने बताया कि यह ऐप बचाव दलों को सतर्क करने और दर्ज की गई शिकायतों की स्थिति पर नजर रखने के लिए ‘जीपीएस लोकेशन’ का उपयोग करता है।
डूसिब ने बताया कि योजना शुरू होने से एक हफ्ते पहले ही आश्रय गृहों के स्थान और संचालन के बारे में जन जागरूकता अभियान शुरू कर दिए गए थे।
इसके मुताबिक, आश्रय गृहों में देखभालकर्ता तीन पालियों में चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों को उपलब्धता के अनुसार बिस्तर और कंबल आवंटित किए जाते हैं और वे पीने का पानी, शौचालय, लॉकर, गर्म पानी, टीवी और प्राथमिक उपचार किट जैसी सुविधाओं का मुफ्त में उपयोग कर सकते हैं।
भाषा प्रचेता