‘चैटजीपीटी गो’ भारत में एक साल तक मिलेगा मुफ्त, यूपीआई से सक्रिय करने में आई समस्या
प्रेम प्रेम अजय
- 04 Nov 2025, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओपनएआई के एआई टूल ‘चैटजीपीटी गो’ की ग्राहकी-आधारित सेवा मंगलवार से देशभर में शुरू हो गई। सीमित समय के भीतर इससे जुड़ने वाले भारतीय उपयोगकर्ताओं को एक साल तक यह सेवा निःशुल्क मिलेगी।
हालांकि, एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिये इस सुविधा को सक्रिय करने के दौरान कई उपयोगकर्ताओं को मुश्किलें भी पेश आईं। एक साथ बड़ी संख्या में सक्रियता की कोशिश होने से यह समस्या हुई।
‘चैटजीपीटी गो’ को ओपनएआई ने हाल ही में सब्सक्रिप्शन मॉडल पर पेश किया है। इसके तहत भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए बढ़ी हुई संदेश सीमा, तस्वीरों के निर्माण और फाइल अपलोड की सुविधा मिलेगी।
इसका हिस्सा अभी चैटजीपीटी की वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर से बना जा सकता है जबकि यह अगले सप्ताह एप्पल ऐप स्टोर पर भी उपलब्ध होगा।
साल भर चलने वाला यह निःशुल्क प्रचार अभियान मंगलवार को बेंगलुरु में ओपनएआई के पहले ‘डेव-डे एक्सचेंज’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ।
ओपनएआई में उपाध्यक्ष और चैटजीपीटी के प्रमुख निक टर्ली ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले भारत में चैटजीपीटी गो की शुरुआती पेशकश के बाद से, हमने अपने उपयोगकर्ताओं से जो स्वीकृति और रचनात्मकता देखी है, वह प्रेरणादायक रही है।’’
टर्ली ने कहा, ‘‘हम ‘चैटजीपीटी गो’ को एक साल के लिए मुफ्त में उपलब्ध करा रहे हैं ताकि भारत भर में अधिक से अधिक लोगों की उन्नत एआई तक आसानी से पहुंच बन सके और वे उसका लाभ उठा सकें।’’
भारत में ‘चैटजीपीटी गो’ के मौजूदा ग्राहक भी 12 महीने की मुफ्त पहुंच सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
ओपनएआई ने बयान में कहा, ‘‘यह पहल ओपनएआई की ‘इंडियाफर्स्ट’ प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है और इंडियाएआई मिशन का समर्थन करता है। यह भारत में एआई को लेकर बढ़ती रफ्तार को मजबूत करता है।’’
हालांकि, इस सुविधा को शुरू करने में कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। कई उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि सक्रिय करने के लिए एक रुपये का सांकेतिक भुगतान यूपीआई से नहीं हो पा रहा था। कई बार पैसा खाते से कट जाने, भुगतान स्क्रीन पर अटक जाने और मान्य यूपीआई पहचान के बावजूद “अवैध” होने के संदेश आते रहे।
इन शिकायतों पर ओपनएआई ने कहा कि मुफ्त योजना की अत्यधिक मांग के कारण यूपीआई सेवा अस्थायी रूप से बाधित हुई लेकिन उसे साझेदारों के सहयोग से बहाल किया जा रहा है।
भाषा प्रेम प्रेम