‘मोंथा’ चक्रवात के कारण कृष्णा नदी पर बने बांधों का जलस्तर बढ़ा, खोलने पड़े फाटक
प्रचेता रंजन
- 30 Oct 2025, 06:37 PM
- Updated: 06:37 PM
अमरावती, 30 अक्टूबर (भाषा) चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से हुई व्यापक भारी बारिश से कृष्णा नदी पर बने पुलिचिंतला बांध और प्रकाशम बैराज में जल स्तर काफी बढ़ गया है जिसके कारण इनके फाटक खोलकर नदी में पानी छोड़ना पड़ा। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि बांध में आने वाले पानी का प्रवाह और बढ़ सकता है इसलिए इस जल प्रवाह के घटने से पहले नदी के किनारे निचले इलाकों में बसे गांवों के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लोगों को नदी में नौकायन करने, तैरने या मछली पकड़ने से पूरी तरह बचना चाहिए।
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने बताया कि प्रकाशम बैराज में जल प्रवाह 2.74 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) तक पहुंच गया है और इतनी ही मात्रा में जल नदी में छोड़ा जा रहा है।
जैन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "भारी बारिश के कारण कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पुलिचिंतला (परियोजना) और प्रकाशम बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है।"
आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि विजयवाड़ा के प्रकाशम बैराज पर बृहस्पतिवार शाम तक प्रथम स्तर की चेतावनी जारी की जा सकती है। इसी के साथ बैराज में जल प्रवाह का स्तर पांच लाख क्यूसेक तक पहुंच सकता है जिसके बाद धीरे-धीरे यह कम हो जाएगा।
इस बीच जैन ने निचले इलाकों के गांवों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी और लोगों को आगाह किया कि वे नदी में नौकायन करने, तैरने या मछली पकड़ने के लिए नहीं जाएं।
इसी तरह, पुलिचिंतला जलाशय में पांच लाख क्यूसेक तक पानी आ सकता है। जिसकी वजह से जलाशय से 4.9 लाख क्यूसेक से साढ़े पांच लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा सकता है।
इसके कारण प्रकाशम बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। इस बीच सिंचाई मंत्री एन रामानायडू विजयवाड़ा के प्रकाशम बैराज में बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
रामबाबू को प्रकाशम बैराज में प्रखर जैन के अनुमान से अधिक प्रवाह की उम्मीद है।
मंत्री ने बताया, "आज शाम तक प्रकाशम बैराज में छह लाख से साढ़े छह लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी आने की संभावना है। इसलिए हम बैराज के निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को सतर्क कर रहे हैं।"
उन्होंने कृष्णा नदी डेल्टा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी अधिकारियों को जमीनी स्तर पर हालात की निगरानी करने के साथ आवश्यक एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है।
सिंचाई मंत्री ने इसी प्रकार एनटीआर, गुंटूर, बापटला, प्रकाशम, अनकापल्ली और अल्लूरी सीतारामाराजू ज़िलों के ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एहतियाती कदम उठाएं क्योंकि इन जिलों की नदियों की जलधाराएं इस समय उफ़ान पर हैं।
इसी प्रकार उन्होंने श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम और अनकापल्ली जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सावधान रहें और पुलियों, नालों और अन्य जल निकायों की स्थिति पर नजर रखें क्योंकि भारी बारिश की आशंका है।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण कृष्णा जिले में क्षतिग्रस्त खेतों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। यह दक्षिणी राज्य भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा से प्रभावित हुआ है।
'मोंथा' का थाई भाषा में अर्थ सुगंधित फूल होता है।
भाषा प्रचेता