भारत समुद्री क्षेत्र में निवेश के लिए आदर्श स्थान: प्रधानमंत्री मोदी
अजय
- 30 Oct 2025, 05:04 PM
- Updated: 05:04 PM
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश करने के लिए बृहस्पतिवार को आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि भारत के पास बुनियादी ढांचा एवं नवाचार है और वह इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने का इरादा भी रखता है।
मोदी ने पेशेवर मंच ‘लिंक्डइन’ में लिखा कि सरकार ने कानूनों को सरल बनाया है। बंदरगाहों का विकास किया है और समुद्री क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपये के एक व्यापक ‘पैकेज’ को मंजूरी दी है जिसमें जहाज निर्माण को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार शाम मुंबई में ‘मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव’ को संबोधित किया था और इस क्षेत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) तथा अग्रणी हितधारकों के साथ बातचीत की थी।
उन्होंने कहा कि 2014 में उनके सत्ता में आने के बाद से समुद्री क्षेत्र ने बुनियादी ढांचे, सुधारों और जन भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई बदलाव देखे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘ आज यह क्षेत्र आधुनिक बुनियादी ढांचे, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में तब्दील हो गया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत निवेश के लिए एक आदर्श स्थान है। हमारे पास बहुत लंबी तटरेखा है। हमारे पास रणनीतिक वैश्विक व्यापार मार्ग हैं, हमारे पास विश्वस्तरीय बंदरगाह हैं और हमारे पास नीली अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण है। हमारे पास बुनियादी ढांचा, नवाचार और उसे हासिल करने का जज्बा है।’’
मोदी ने कहा कि ‘बिल ऑफ लैडिंग बिल’ से लेकर भारतीय बंदरगाह विधेयक (2025) तक पांच ऐतिहासिक विधेयकों ने समुद्री शासन को आधुनिक बनाया है। व्यापार को सरल बनाया है, राज्यों को सशक्त बनाया है और भारत को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस वृद्धि को गति देने के लिए सरकार ने समुद्री क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपये के व्यापक ‘पैकेज’ को मंजूरी दी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाज निर्माण सहायता योजना, समुद्री विकास कोष और जहाज निर्माण विकास योजना से 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित होगा। साथ ही 2,500 से अधिक जहाजों के निर्माण में मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘ यह पहल भारत को जहाज निर्माण और समुद्री नवाचार में वैश्विक अग्रणी देशों में शामिल करेगी।’’
उन्होंने कहा कि भारत की बंदरगाह क्षमता 1,400 से दोगुनी होकर 2,762 एमएमटीपीए हो गई है और माल ढुलाई (कार्गो हैंडलिंग) 972 से बढ़कर 1,594 एमएमटी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाज से माल ढुलाई का समय (टर्नअराउंड) 93 घंटे से घटाकर 48 घंटे कर दिया गया है।
मोदी ने कहा, ‘‘ शुद्ध अधिशेष 1,026 करोड़ रुपये से नौ गुना होकर 9,352 करोड़ रुपये हो गया। परिचालन अनुपात 73 प्रतिशत से बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया, जो दक्षता के एक नए युग का प्रतीक है।’’
उन्होंने ने कहा कि भारत का नाविक कार्यबल 1.25 लाख से बढ़कर तीन लाख से अधिक हो गया है जो अब वैश्विक नाविक कार्यबल का 12 प्रतिशत है।
मोदी ने कहा, ‘‘ भारत आज दुनिया में प्रशिक्षित नाविकों के शीर्ष तीन आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि विझिंजम बंदरगाह, भारत का पहला गहरे पानी का ‘ट्रांसशिपमेंट’ केंद्र बन गया है। कांडला बंदरगाह देश की पहली हरित हाइड्रोजन सुविधा की मेजबानी करता है और जेएनपीटी ने अपनी क्षमता दोगुनी कर ली है। बंदरगाह के इतिहास में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया है।
भाषा निहारिका अजय
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