मोदी और ट्रंप के बीच यह कैसी दोस्ती है: कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर निशाना
DailyWorld
- 14 Oct 2025, 04:42 PM
- Updated: 04:42 PM
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की प्रशंसा किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ट्रंप के साथ दोस्ती बढ़ाने की ‘हताशापूर्ण कोशिशों’ के बावजूद, अमेरिकी नेता भारत को किस तरह का संकेत दे रहे हैं।
विपक्षी दल ने ट्रंप द्वारा मुनीर की प्रशंसा किये जाने और दोनों के बीच पिछली मुलाकातों का हवाला देते हुए पूछा कि ट्रंप और मोदी के बीच यह कैसी दोस्ती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप को अपना अच्छा दोस्त बताते रहते हैं और सच कहें तो अमेरिकी नेता भी मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते रहते हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘लेकिन यह कैसी दोस्ती है? राष्ट्रपति ट्रंप ने 18 जून, 2025 को व्हाइट हाउस में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लिए एक अभूतपूर्व भोज की मेजबानी की। यह वही फील्ड मार्शल हैं, जिनके भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से जहरीले बयानों ने 22 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तान द्वारा किए गए पहलगाम आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि तैयार की।’’
उन्होंने कहा कि इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने 26 सितंबर, 2025 को व्हाइट हाउस में फील्ड मार्शल से दूसरी बार मुलाकात की, जब फील्ड मार्शल ने राष्ट्रपति ट्रंप को दुर्लभ मृदा तत्वों से भरा एक डिब्बा भेंट किया।
रमेश ने कहा, ‘‘अब कल मिस्र में, राष्ट्रपति ट्रंप ने आसिम मुनीर को 'मेरा पसंदीदा फील्ड मार्शल' कहा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को विशेष स्थान दिया। मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी दोस्ती बढ़ाने की बेताब कोशिशों के बावजूद, राष्ट्रपति ट्रंप भारत को किस तरह का संकेत दे रहे हैं?’’
रमेश ने कहा कि यह कैसी दोस्ती है।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि ट्रंप ने मुनीर को अपना पसंदीदा नेता कहा है, जिस मुनीर की देखरेख में भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रची गईं और सीमापार हमले किए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के राज में, दुनिया भारत के साथ नहीं खड़ी है, बल्कि अब भारत को निशाना बनाने वालों की तारीफ कर रही है। यह कूटनीति नहीं, बल्कि त्राशदी है। सालों से मोदी दावा करते रहे हैं कि 'भारत वैश्विक स्तर पर पहले कभी इतना मजबूत नहीं रहा'। फिर भी, आज ट्रंप जैसे नेता भी हमारे देश के खिलाफ आतंक के लिए जिम्मेदार लोगों का खुलेआम महिमामंडन कर रहे हैं- (जबकि) मोदी की ओर से विरोध का एक शब्द भी नहीं (कहा गया)।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अब ‘56 इंच’ की कूटनीति कहां है? वह 'मजबूत नेता' कहां है, जिसने कहा था कि वह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर देगा? जब भारत के दुश्मनों का समर्थन किया जा रहा है और हमारे प्रधानमंत्री चुप हैं, तो यह स्पष्ट है- मोदी की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है। दुष्प्रचार पर जोर, (जबकि) राष्ट्रीय गौरव पर मौन।’’
टैगोर ने कहा कि भारत ऐसे नेतृत्व का हकदार है, जो सिद्धांतों से सम्मान अर्जित करे, न कि फोटो खिंचवाने से।
उन्होंने कहा, ‘‘विदेश नीति गले लगाना नहीं है। यह राष्ट्र की गरिमा के लिए दृढ़ रहने सं संबंधित है।’’
ट्रंप ने शरीफ और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की प्रशंसा करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को गाजा में युद्धविराम समझौते के बाद मिस्र में आयोजित विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। गाजा में युद्धविराम समझौते के बाद इजराइल-हमास युद्ध थम गया।
ट्रंप ने मुनीर को ‘‘पाकिस्तान के मेरे पसंदीदा फील्ड मार्शल’’ कहा। मुनीर इस अवसर पर उपस्थित नहीं थे।
ट्रंप ने सोमवार को भारत और प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिये बिना उनकी भी प्रशंसा की और कहा कि भारत एक महान देश है, जहां शीर्ष पद पर मेरे अच्छे दोस्त हैं।
गाजा में युद्धविराम समझौते के तहत इजराइल-हमास युद्ध समाप्त होने के बाद मिस्र में विश्व नेताओं के एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने मंच से कहा कि उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महान देश है, जहां शीर्ष पद पर मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त हैं और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।’’
ट्रंप ने अपने पीछे खड़े पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखते हुए हंसते हुए जवाब दिया।
अपने भाषण में, शरीफ ने कहा कि वह न केवल दक्षिण एशिया में, बल्कि पश्चिम एशिया में भी लाखों लोगों की जान बचाने के लिए ट्रंप को फिर से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहेंगे।
नोबेल शांति पुरस्कार से चूकने के बावजूद, ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष सहित आठ युद्धों को सुलझाने का दावा किया है, और कहा है कि उन्होंने यह नोबेल के लिए नहीं किया।
गत 10 मई को, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने दर्जनों बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाने में मदद की।
भारत ने लगातार यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस अभियान में पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी।