नेपाल में अशांति के बीच डीटीसी ने दिल्ली से काठमांडू की बस सेवा स्थगित की
प्रीति शफीक
- 10 Sep 2025, 07:58 PM
- Updated: 07:58 PM
(सलोनी भाटिया)
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) पड़ोसी देश नेपाल में व्याप्त अराजकता के बीच दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने दिल्ली से काठमांडू के बीच संचालित अंतरराष्ट्रीय बस सेवा स्थगित कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नेपाल में छात्रों के नेतृत्व में ‘प्रदर्शन’ किया गया, जो व्यापक आंदोलन में बदल गया है। नेपाल के युवाओं ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उग्र प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल समेत कई शीर्ष नेताओं के आवासों पर हमला किया और संसद में तोड़फोड़ की।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बस सेवा स्थगित की जा रही है। दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा के नाम से जानी जाने वाली यह सेवा भारत और नेपाल के बीच मज़बूत संबंधों का प्रतीक है और यात्रियों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनी हुई है। हम इसे अभी स्थगित कर रहे हैं और स्थिति सामान्य होने पर इसे फिर से शुरू करेंगे।’’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिन यात्रियों ने बुकिंग कराई थी, उन्हें पैसा वापस किया जाएगा।
यह बस 1,167 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका किराया 2,800 रुपये है। यह सप्ताह में छह दिन चलती है, जिसमें डीटीसी बसें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को और नेपाल की मंजुश्री यातायात बसें मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को चलती हैं।
डीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, इस यात्रा के दौरान बस फिरोजाबाद, फैजाबाद, मुग्लिंग और सोनौली (भारत-नेपाल सीमा) पर रुकती है, जहां सीमा शुल्क से संबंधित जांच की जाती है। यात्रियों को मार्ग में अन्य किसी भी स्थान पर बस से उतरने या चढ़ने की अनुमति नहीं है।
भारतीय और नेपाली नागरिकों के लिए वैध सरकारी फोटो पहचान पत्र, जैसे पासपोर्ट या वोटर आईडी कार्ड साथ रखना अनिवार्य होता है जबकि विदेशी नागरिकों को वैध पासपोर्ट और वीज़ा दिखाना होता है।
दिल्ली गेट के पास डॉ. अंबेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से 25 नवंबर 2014 को यह सेवा शुरू की गई थी, जिसमें वातानुकूलित बसें आरामदायक सीट व्यवस्था के साथ उपलब्ध हैं।
यह सेवा 23 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान बंद कर दी गई थी। इसे दिसंबर 2021 में फिर से शुरू किया गया।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भारी विरोध के चलते पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया और संसद के साथ-साथ कई बड़े नेताओं के घरों को आग लगा दी।
नेपाल में सोमवार को हुई हिंसा में 19 लोग मारे गए थे।
भाषा प्रीति