हिंसाग्रस्त नेपाल में फंसे पर्यटकों को कुछ ही दिनों में वापस लाया जाएगा:ममता बनर्जी
शफीक नरेश
- 10 Sep 2025, 07:04 PM
- Updated: 07:04 PM
जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 10 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को हिंसा प्रभावित नेपाल में फंसे राज्य के पर्यटकों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कुछ ही दिनों में पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं नेपाल में फंसे पर्यटकों से अपील करती हूं कि वे घबराएं नहीं। हम उन्हें कुछ ही दिनों में वापस लाएंगे।’’
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कल रात भर जागकर पड़ोसी देश की स्थिति पर नजर रखी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पूरी रात जागकर (नेपाल की स्थिति पर) कड़ी नजर रखी। मुझे पता है कि बंगाल के कई पर्यटक नेपाल में हैं। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहती हूं कि हम इस मामले को उठा रहे हैं और हालात स्थिर होते ही उन्हें वापस लाना शुरू कर देंगे।’’
नेपाल में एक दिन पहले ही सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के कारण के पी ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को युवाओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था। हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने असम, ओडिशा, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के साथ कथित उत्पीड़न की घटनाओं की भी निंदा की।
बांग्ला भाषी प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों का जिक्र करते हुए, बनर्जी ने लोगों से बिना किसी डर के बांग्ला भाषा में बोलने की अपील की।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं आपसे अधिक से अधिक बांग्ला भाषा में बोलने का आग्रह करती हूं। डरो मत। मैं देखती हूं कि वे कितना अत्याचार कर सकते हैं। अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी के राजवंशी लोगों को (एनआरसी) नोटिस भेजने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘मुझे रोजाना अपमान सहना पड़ता है क्योंकि मैं बंगाल का विकास चाहती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी मातृभाषा में बात करेंगे, लेकिन हम अन्य भाषाएं भी सीखेंगे। बंगाली, राजवंशी, नेपाली, गोरखा या हिंदी बोलने में कोई अपमान नहीं है। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि बंगाल को दिल्ली से नहीं, बल्कि बंगाल से चलाया जाएगा।’’
बनर्जी ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल भारत के अन्य हिस्सों से आए 1.5 करोड़ से ज्यादा प्रवासियों को सहायता प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां प्रवासी मजदूरों के साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं करते। उन्हें हमारी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिलता है। फिर गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जहां सभी जगह (भाजपा की) ‘डबल इंजन’ वाली सरकारें हैं, हमारे लोगों को क्यों पीटा जा रहा है?’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के पुनर्वास प्रयासों के तहत लगभग 24,000 प्रवासी परिवार पहले ही पश्चिम बंगाल लौट चुके हैं।
भाषा
शफीक