बीएसएफ ने भावी संघर्ष की खातिर अपने जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए ड्रोन युद्धकौशल स्कूल शुरू किया
राजकुमार माधव
- 03 Sep 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाष) पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती भारत की सीमाओं की रक्षा का दायित्व संभाल रहा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) आधुनिक युद्ध कौशल के लिए अपनी विशेष यूनिट ‘ड्रोन कमांडो’ और ‘ड्रोन योद्धाओं’ को रिमोट संचालित एरियल प्लेटफार्म सहित विभिन्न प्रशिक्षण दे रहा है ताकि उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मिशनों में तैनात किया जा सके।
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के टेकनपुर में बल की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में ‘ड्रोन युद्ध स्कूल’ का उद्घाटन किया।
‘पीटीआई-भाषा’ ने जुलाई में खबर दी थी कि करीब 2.65 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से सीख लेकर अपना पहला ‘ड्रोन स्क्वाड्रन’ स्थापित कर रहा है।
बल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ड्रोन युद्ध स्कूल, बल के सीमा प्रहरियों को आधुनिक सामरिक चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह संस्थान पांच विशेष पाठ्यक्रमों के माध्यम से ड्रोन कमांडो और ड्रोन योद्धाओं को तैयार करेगा, जिनमें मानव रहित यान (यूएवी) संचालन, ड्रोन-विरोधी युद्ध और निगरानी एवं खुफिया जानकारी एकत्र करना शामिल है।’’
इस स्कूल में ‘सिमुलेटर’ और ‘लाइव ड्रोन फ्लाइंग ज़ोन’, यूएवी और ‘पेलोड’ एकीकरण की सुविधाएं , रात्रि संचालन की सुविधाएं, रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) जैमर और ‘काइनेटिक इंटरसेप्टर’ के लिए उपकरण,‘ लिंक्ड हार्डवेयर’ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्कूल के उद्घाटन के बाद, बीएसएफ महानिदेशक ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया और तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में बात की, जिसमें ड्रोन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महानिदेशक ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर से रणनीतिक सीख ली है।
अगस्त में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ‘अद्वितीय वीरता’ और ‘बेमिसाल पराक्रम’ का प्रदर्शन करने के लिए बीएसएफ के 18 जवानों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया। इनमें दो ऐसे जवान भी शामिल थे जिन्हें मरणोपरांत सेना के वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
यह बल चीन निर्मित उन पाकिस्तानी ड्रोनों से भी निपटता है जिनके माध्यम से देश के पश्चिमी हिस्से में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से भारत में हर दिन मादक पदार्थों, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी की जाती है।
भाषा राजकुमार