राजग बिहार में समन्वय बढ़ाने के लिए संयुक्त संगठनात्मक अभियान शुरू करेगा
देवेंद्र नरेश
- 20 Aug 2025, 04:36 PM
- Updated: 04:36 PM
नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के अभियान के बीच, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अपने घटक दलों के बीच समन्वय बढ़ाने और राज्य में सत्ता बरकरार रखने के वास्ते अपने प्रयासों को तेज करने के लिए 23 अगस्त से एक संयुक्त संगठनात्मक अभियान शुरू करेगा।
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है, इसलिए राजग ने 14 समितियां गठित की हैं और इसके दो प्रमुख घटक दल, भाजपा और जद (यू), सात-सात समितियों का नेतृत्व करेंगे।
राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित करने का जिम्मा संभालते हुए, इन समूहों के गठबंधन नेता दो चरणों में कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे, पहला 23 अगस्त से 25 अगस्त तक और फिर 28 अगस्त से 30 अगस्त तक।
सूत्रों ने बताया कि इस समिति के सदस्यों में राजग के तीन अन्य दलों - लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
समितियों का नेतृत्व करने वाले भाजपा नेताओं में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, इसके प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय, राज्य मंत्री मंगल पांडे और लोकसभा सदस्य संजय जायसवाल शामिल हैं।
समितियों के प्रभारी सात जद (यू) नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री राम नाथ ठाकुर, इसके प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और राज्य मंत्री विजय चौधरी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी और रत्नेश सदा शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि सभी 14 समितियों में सांसदों और राज्य मंत्रियों समेत सात-सात सदस्य होंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अपने विभिन्न घटक दलों से कार्यकर्ताओं को एकजुट करने पर विचार कर रहा है।
बिहार की 243 विधानसभा सीट को शामिल करते हुए छह दिन तक 83 स्थानों पर कार्यकर्ता बैठकें आयोजित की जाएंगी।
गठबंधन कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठकें निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बीच होंगी, जिसमें कांग्रेस सांसद और उनके बिहार के सहयोगी निर्वाचन आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत करके ‘‘वोट चोरी’’ करने का आरोप लगा रहे हैं।
राजग नेताओं ने कहा कि वे इन बैठकों के बाद एक बड़ा जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष द्वारा बनाई गई यह धारणा कि एसआईआर का उद्देश्य मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है, मतदाता सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बाद अधिक प्रभावी नहीं होगी।
भाषा
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