मानवाधिकार आयोग ने सामूहित रूप से दफनाने के आरोपों की जांच शुरू की
इन्दु अमित
- 12 Aug 2025, 10:07 PM
- Updated: 10:07 PM
मंगलुरु, 12 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की चार सदस्यीय टीम बेलथांगडी तालुक पहुंची और मंगलवार को धर्मस्थल में शवों को सामूहिक रूप से दफनाने के आरोपों की जांच शुरू की।
एनएचआरसी द्वारा यह जांच स्वत: संज्ञान लेकन शुरू की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) युवराज के नेतृत्व वाले चार सदस्यीय एनएचआरसी दल ने बेलथांगडी में एसआईटी कार्यालय, धर्मस्थल ग्राम पंचायत कार्यालय और धर्मस्थल पुलिस थाने का दौरा किया और अधिकारियों से मामले से संबंधित विवरण एकत्र किए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल के प्रमुख एसएसपी युवराज ने धर्मस्थल पुलिस थाने से पिछले कुछ दशकों में दर्ज अप्राकृतिक मौत के मामलों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। सूत्रों ने बताया कि आयोग के अधिकारियों ने पिछले दशकों में गांव में दफनाए गए लावारिस शवों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए धर्मस्थल ग्राम पंचायत कार्यालय का भी दौरा किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने इस अवधि के दौरान शव दफनाने के लिए लगाए गए मजदूरों का विवरण भी एकत्र किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने शवों को दफनाने वाले कुछ मजदूरों के घरों का भी दौरा करके उनके बयान दर्ज किए। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसके अतिरिक्त वर्तमान में ग्राम पंचायत द्वारा नियोजित एक सफाई कर्मचारी को और जानकारी एकत्र करने के लिए पंचायत कार्यालय बुलाया गया।
एनएचआरसी के दल ने धर्मस्थल में बाहुबली बेट्टा जाने वाली सड़क के पास उस स्थल का भी निरीक्षण किया, जहां एसआईटी टीम ने 9 अगस्त को शवों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की थी।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें मामले के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है। हम स्वत: संज्ञान के आधार पर जांच और पड़ताल कर रहे हैं।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जांच करेंगे कि क्या ग्राम पंचायत और स्थानीय पुलिस ने अज्ञात शवों को प्रक्रिया के अनुसार दफनाया और क्या इसमें कोई चूक हुई थी। हम शिकायतकर्ता गवाह, उसके वकीलों, उसके समर्थकों और जांच का विरोध करने वालों के बयान भी दर्ज करेंगे। हम एसआईटी जांच की दिशा की भी समीक्षा करेंगे। हमारी योजना सभी पहलुओं से जानकारी एकत्र करने के लिए लगभग चार दिनों तक यहां रहने की है। यदि आवश्यक हुआ तो कुछ अधिक समय तक भी यहां जांच के लिए रुक सकते हैं।’’
भाषा इन्दु