एसआईटी धर्मस्थल में सामूहिक रूप से दफनाए जाने के आरोपों की जल्द जांच शुरू करेगी: परमेश्वर
राजकुमार पवनेश
- 22 Jul 2025, 04:11 PM
- Updated: 04:11 PM
बेंगलुरु, 22 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में सामूहिक रूप से दफन किये जाने के आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) जल्द ही वहां जायेगा और तहकीकात शुरू करेगा।
पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा प्रभाग) प्रणब मोहंती की अगुवाई में एसआईटी गठित की गयी है जिसमें पुलिस उपमहानिरीक्षक (भर्ती) एम एन अनुचेथ और आईपीएस अधिकारी सौम्यलता एस के और जितेंद्र कुमार दयामा अन्य सदस्य हैं।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘हमने उसे (एसआईटी को) तत्काल वहां (धर्मस्थल) जाने के निर्देश दे दिए हैं। थाने में उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर एसआईटी (जांच) शुरू करेगी। महानिदेशक की ओर से स्थानीय पुलिस को भी संबंधित रिकॉर्ड और दस्तावेज एसआईटी को देने के निर्देश दिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ (एसआईटी प्रमुख) मोहंती और उनकी टीम संभवत: दो-तीन दिनों में वहां जाएगी और अपना काम शुरू करेगी।’’
जब उनसे पूछा गया कि ऐसी खबर है कि एसआईटी के दो अधिकारी निजी कारणों से टीम छोड़ने का अनुरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि यदि कोई भी कारण बताते हुए टीम का हिस्सा न बनने का अनुरोध करता है तो उसे बदल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, ये चारों ही टीम का हिस्सा हैं। कल मैंने कुछ खबरें देखीं, लेकिन यह विषय अभी तक मेरे सामने नहीं आया है। अगर टीम के किसी सदस्य ने डीजी या आयुक्त से अनुरोध किया है, तो उन्हें बदल दिया जाएगा।’’
पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कथित सामूहिक हत्या, बलात्कार और सामूहिक रूप से दफन किये जाने के दावों के बाद सरकार ने एसआईटी का गठन किया था।
एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया है कि वह 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम करता था और उसे धर्मस्थल में कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था, जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी थे।
उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। उसने इस संबंध में एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दिया है। इस पूर्व सफाई कर्मचारी की पहचान उजागर नहीं की गई है।
जब मंत्री से पूछा गया कि ऐसा कहा जाता है कि बेलथांगडी (धर्मस्थल जिस तालुका के अंतर्गत आता है) में अप्राकृतिक मौतों के संबंध में 2018 में सरकार को एक कथित रिपोर्ट सौंपी गयी थी और उसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी जिस पर मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर ऐसी कोई रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर मौजूद है, तो वह इसकी जांच करेंगे।
भाषा
राजकुमार