महाराष्ट्र विधान परिषद : दानवे की विदाई पर दिये भाषण में उद्धव और शिंदे के बीच तीखी नोकझोंक
धीरज रंजन
- 16 Jul 2025, 09:35 PM
- Updated: 09:35 PM
मुंबई, 16 जुलाई (भाषा)महाराष्ट्र विधान परिषद में बुधवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (उबाठा) के सदस्य उद्धव ठाकरे ने मौजूदा नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे की सदन से विदाई पर दिये भाषण के दौरान एक दूसरे को ताने दिये और तंज कसा।
उच्च सदन में विदाई समारोह को संबोधित करते हुए शिंदे ने अपने पूर्व राजनीतिक सहयोगी और अब कट्टर प्रतिद्वंद्वी ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दानवे सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए थे।
विपक्षी शिवसेना (उबाठा)के अध्यक्ष ठाकरे ने शिंदे के तुरंत बाद भाषण दिया।
शिंदे पर पलटवार करते हुए ठाकरे ने कहा कि हालांकि दानवे सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने ‘‘उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं किया जिन्होंने उन्हें भोजन से भरी थाली परोसी थी।’’
उनका स्पष्ट संदर्भ उपमुख्यमंत्री शिंदे से था, जिनके जून 2022 में विद्रोह के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया था।
यद्यपि ठाकरे और सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी शिवसेना के प्रमुख शिंदे सत्ता पक्ष और विपक्ष की बेंचों पर एक दूसरे के आमने-सामने बैठे, लेकिन उनके बीच कोई मधुर व्यवहार नहीं हुआ और उनके बीच ठंडेपन का भाव दिखाई दिया।
ठाकरे ने अपनी पार्टी के सहयोगी और निवर्तमान विधान पार्षद दानवे की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘आपने उस पार्टी को धोखा नहीं दिया जिसने आपको खाने की थाली परोसी। आपने ज़्यादा खाना (सत्ता) पाने के लिए किसी दूसरे रेस्टोरेंट (पार्टी) में न जाने का अपराध नहीं किया।’’
शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अब तक के चर्चित बयान ‘मी पुन्हा येईं’ (मैं वापस आऊंगा) पर भी कटाक्ष किया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘जबकि आपका (दानवे) कार्यकाल (एमएलसी के रूप में) समाप्त हो रहा है, आप फिर से कहते हैं ‘मी पुन्हा येइन’ और वह भी उसी पार्टी (शिवसेना उबाठा) से।’’
‘मी पुन्हा येईं’ 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले फडणवीस द्वारा दिया गया एक बहुचर्चित नारा था, जो चुनावों के बाद मुख्यमंत्री के रूप में वापसी के उनके संकल्प को दर्शाता था।
यद्यपि भाजपा और अविभाजित शिवसेना को 2019 के विधानसभा चुनावों में सहयोगी के रूप में बहुमत मिला, लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा करने पर मतभेदों के कारण दोनों अलग हो गए और ठाकरे अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
ठाकरे ने कहा कि वह फडणवीस को धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि दानवे का प्रशिक्षण भाजपा और आरएसएस में हुआ और फिर वह अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गए।
ठाकरे ने 2022 में उनके खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे और अन्य विधायकों और सांसदों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘लेकिन क्या वह (फडणवीस) इस धन्यवाद को उसी तरह लौटा सकते हैं, जैसे उन्होंने भी मुझसे लोगों को छीना है।’’
इससे पहले सदन को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि चूंकि दानवे का प्रारंभिक राजनीतिक जीवन भाजपा में बीता है, इसलिए उनकी दृढ़ता, संगठनात्मक कौशल और बारीकियों पर नजर रखने की क्षमता देखी जा सकती है।
भाषा धीरज