बेस्कॉम कर्मी ने ‘डिजिटल एरेस्ट’ ठगी का शिकार होने के बाद कर ली खुदकुशी
राजकुमार मनीषा
- 16 Jul 2025, 05:21 PM
- Updated: 05:21 PM
बेंगलुरु, 16 जुलाई (भाषा) ‘बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (बेस्कॉम)’ के 48 वर्षीय कर्मचारी ने कथित रूप से ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ में 11 लाख रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि खुदकुशी करने वाले इस व्यक्ति की पहचान बेस्कॉम के अनुबंधित कर्मी कुमार के. के रूप में हुई है जो बेंगलुरु दक्षिण जिले के चन्नपटना तालुक के केलागेरे गांव के रहने वाले थे।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को कुमार अपने गांव में एक पेड़ पर फांसी पर लटके मिले।
घटनास्थल से बरामद कथित आत्महत्या संबंधी नोट में, उन्होंने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं और ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर साइबर ठगों के हाथों उत्पीड़न को इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
‘डिजिटल अरेस्ट’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी में किया जाता है। इसमें ठग अपने शिकार को डिजिटल माध्यमों से झूठे तौर पर कहता है कि वह निगरानी में है या कानूनी हिरासत में है। ठग अक्सर खुद को अधिकारी बताकर लगातार वीडियो या कॉल निगरानी के ज़रिए शिकार को अलग-थलग कर देता है और दूसरों को बिना पता चले उससे अपने निर्देशों का पालन करवाता है।
पुलिस के अनुसार ‘आत्महत्या संबंधी नोट’ में कुमार ने लिखा है कि उन्हें विक्रम गोस्वामी नामक एक व्यक्ति ने फ़ोनकर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और दावा किया कि उसके पास उसके (कुमार के) खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है और गिरफ्तारी से बचने के लिए वह उसे पैसे का भुगतान करे।
पुलिस के मुताबिक कथित उत्पीड़न और गिरफ्तारी के डर से कुमार ने शुरुआत में ठग की मांग के अनुसार 1.95 लाख रुपये जमा कर दिए। लेकिन साइबर ठग और पैसे की मांग करता रहा।
पुलिस का कहना है कि ‘आत्महत्या नोट में’ कुमार ने साइबर ठगों के निर्देशानुसार कई बैंक खातों में कुल 11 लाख रुपये अंतरित करने का दावा किया है।
अधिकारी ने बताया कि चन्नपटना में एम के डोड्डी पुलिस मामले की जांच कर रही है और कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों की तहकीकात कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुमार के बैंक लेनदेन विवरण का विश्लेषण करने के बाद ही हम यह पता लगा पाएंगे कि कितनी राशि अंतरित की गई।’’
पुलिस ने बताया कि कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और आठ साल का एक बेटा है।
भाषा
राजकुमार