असम-मेघालय सीमा विवाद निपटारा के तहत अंतरराज्यीय सीमा पर पहला स्तंभ स्थापित किया गया: हिमंत
संतोष माधव
- 04 Jul 2025, 05:03 PM
- Updated: 05:03 PM
गुवाहाटी, चार जुलाई (भाषा) असम और मेघालय के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अंतरराज्यीय सीमा पर विवादित क्षेत्रों में से एक क्षेत्र में सीमा निर्धारण से संबंधित पहला स्तंभ स्थापित किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इन ‘स्पष्टता और शांति के स्तंभ’ के कारण विवादों वाले क्षेत्रों में प्रशासन सुगम हो पाएगा।
शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम-मेघालय सीमा पर पहला सीमा स्तंभ स्थापित किया गया। यह वर्ष 2022 के समझौते पर जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम है।’’
हालांकि, असम के मुख्यमंत्री ने उस स्थान के बारे में नहीं बताया जहां स्तंभ स्थापित किया गया है। शर्मा ने कहा कि जब 1972 में मेघालय को असम से अलग किया गया था, तो असम के साथ इसकी सीमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अस्पष्ट रह गया था जिससे अक्सर दोनों राज्यों के बीच अराजकता और तनाव पैदा होता था।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते का जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ पचास साल बाद वर्ष 2022 में आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में और आदरणीय अमित शाह जी की मौजूदगी में, हमारे दोनों राज्यों ने अपनी सीमाओं को परिभाषित करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।’’
शर्मा ने कहा कि 12 विवादित क्षेत्रों में से छह का समाधान हो चुका है और उस समझौते के फल अब मिल रहे हैं क्योंकि पहला स्तंभ स्थापित कर दिया गया है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को टैग करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘तो, ये स्तंभ हमारे (दोनों राज्यों के) बीच सद्भाव को कैसे बेहतर बनाते हैं? दोनों पक्षों के लोगों और प्रशासन के पास अब अधिकार क्षेत्र के बारे में सटीक स्पष्टता है। कभी विवादित रहे इन क्षेत्रों में आखिरकार शासन का प्रकाश दिख सकेगा।’’
दोनों मुख्यमंत्रियों ने दो जून को यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की थी कि स्वतंत्रता दिवस तक पांच विवादित क्षेत्रों में सीमा निर्धारण संबंधी स्तंभ स्थापित कर दिए जाएंगे। विवाद के छठे क्षेत्र पर (जिसे 2022 के समझौते में शामिल किया गया था) उन्होंने कहा था कि यह पिलिंगकाटा क्षेत्र से संबंधित है और इसे लेकर कुछ विववरण संबंधी अंतर हैं, जिस पर दोनों राज्यों के उपायुक्त बैठकर चर्चा करेंगे।
शर्मा ने कहा था कि दोनों राज्यों ने अन्य छह विवादित स्थलों पर चर्चा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा पर 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद चल रहा है।
पहले चरण में निपटारे के लिए जिन छह स्थानों से जुड़े 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र को लिया गया उसमें से असम को 18.46 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.33 वर्ग किलोमीटर मिला।
मेघालय को 1972 में असम से अलग कर बनाया गया था और तब से वह असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती देता है।
भाषा संतोष