छत्तीसगढ़ : सुकमा में प्रेशर बम फटने से एएसपी की मौत, डीएसपी और थाना प्रभारी घायल
मनीषा
- 09 Jun 2025, 05:15 PM
- Updated: 05:15 PM
सुकमा, नौ जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की मौत हो गई तथा दो अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस अधिकारी आकाश राव गिरपुंजे और कोंटा के उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) भानुप्रताप चंद्राकर और निरीक्षक (थाना प्रभारी कोंटा) सोनल गवला, जिले के कोंटा क्षेत्र में एक अर्थ-मूवर मशीन को नक्सलियों द्वारा आग लगाने की सूचना मिलने के बाद आज सुबह जवानों के साथ पैदल मौके पर जा रहे थे। इसी दौरान कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम (बारूदी सुरंग) में विस्फोट हुआ, जिससे एएसपी आकाश राव, चंद्राकर और गवला घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि तीनों घायल पुलिस कर्मियों को प्रारंभिक उपचार के लिए कोंटा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान गिरिपुंजे ने दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विस्फोट में एएसपी की मौत पर दुख जताया और कहा कि नक्सलियों को इस घटना के परिणाम भुगतने होंगे।
मुख्यमंत्री साय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किये गये आई ई डी विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के बलिदान की सूचना मिली जो अत्यंत दुखद है। मैं उनके बलिदान को नमन करता हूं। इस कायरतापूर्ण हमले में कुछ अन्य अधिकारी व जवानों के भी घायल होने की खबर है। अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज हेतु निर्देश दिए हैं।''
साय ने कहा, ''छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और उसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखला कर नक्सली इस तरह की कायराना करतूत को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जायेगा।''
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा क्षेत्र) आकाश राव गिरीपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शर्मा गृह विभाग भी संभालते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों को हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 42 वर्षीय आकाश राव, रायपुर जिले के निवासी थे और राज्य पुलिस में 2013 बैच के अधिकारी थे। वह वर्ष 2024 से कोंटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। वह छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे साहसी योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी थी।
उन्होंने बताया कि अन्य घायल अधिकारी चंद्राकर और गवला खतरे से बाहर हैं। उन्हें हेलीकॉप्टर से बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि आकाश राव के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर और अंतिम संस्कार के लिए रायपुर लाया जा रहा है।
पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ''छत्तीसगढ़ शासन, पुलिस मुख्यालय, सभी नागरिक और पुलिस परिवार इस शोक की घड़ी में शहीद आकाश राव के परिजनों के साथ दृढ़ता से खड़े हैं। उनका बलिदान हमारी इस प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करेगा कि हम भाकपा (माओवादी) जैसे क्रूर एवं षड्यंत्रकारी संगठन का समूल नाश करें।''
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने नागपुर में पीटीआई वीडियो से बातचीत के दौरान बताया, ''गिरीपुंजे की सुकमा के कोंटा इलाके में हुए विस्फोट में जान चली गई। वह एक बहादुर अधिकारी थे और वीरता पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था।''
शर्मा ने कहा कि किसी तरह, यदि नक्सलियों और सरकार के बीच बातचीत की स्थिति बनती है, तो इसका अंत ऐसी घटनाओं (विस्फोट का जिक्र करते हुए) से होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह एक भी गोली नहीं चलाना चाहती है, लेकिन उन्हें (नक्सलियों को) मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए, पुनर्वास योजना का लाभ उठाना चाहिए तथा समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए।
भाषा सं संजीव