कर्नल कुरैशी पर टिप्पणी: न्यायालय ने मप्र के मंत्री से किया प्रश्न, याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को
देवेंद्र सुरेश
- 15 May 2025, 05:37 PM
- Updated: 05:37 PM
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी के संबंध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को बृहस्पतिवार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब देश में ‘‘ऐसे हालात हैं’’ उस वक्त किसी मंत्री के मुख से निकला एक-एक शब्द जिम्मेदारी भरा होना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने शाह के वकील से कहा, ‘‘आप (याचिकाकर्ता) किस तरह के बयान दे रहे हैं? आप सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री हैं।’’
पीठ में न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल हैं। यह पीठ शुक्रवार को शाह की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 14 मई के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
प्रधान न्यायाधीश ने शाह के वकील से कहा, ‘‘जब देश ऐसे हालात से गुजर रहा है, तो ऐसे में किसी मंत्री के मुख से निकला प्रत्येक वाक्य या शब्द जिम्मेदारी भरा होना चाहिए।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे संवैधानिक पद पर बैठे लोगों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है।’’
शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा ने याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और कहा कि उच्च न्यायालय ने इसका स्वतः संज्ञान लिया है और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
बाद में, एक अन्य वकील ने पीठ के समक्ष एक अलग याचिका का उल्लेख किया, जिसमें कर्नल कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी के लिए शाह के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस तरह के ‘प्रचार पाने वाले मुकदमे’ नहीं चाहते। कोई भी अखबार पढ़ता है और ऐसी याचिकाएं दायर करता है।’’
पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले ही मामले का संज्ञान ले लिया है।
मखीजा ने कहा कि याचिकाकर्ता, राज्य के आदिवासी मामलों के मंत्री ने खेद व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा बयान था जिसे गलत समझा गया। मैं इसे आपके सामने उचित ठहरा सकती हूं। उनका (शाह का) कभी भी वह मतलब नहीं था जो मीडिया द्वारा निकाला एवं बताया जा रहा है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘अब प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।’’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता प्राथमिकी पर रोक लगाने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष नहीं सुना है।
मखीजा ने कहा कि उनके मुवक्किल बस यही अनुरोध कर रहे हैं कि जब तक उनका पक्ष नहीं सुना जाता तब तक कोई कार्रवाई न की जाए।
पीठ ने प्रश्न किया कि याचिकाकर्ता ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया।
पीठ ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि कोई व्यक्ति मंत्री है, क्या हमें इस पर विचार करना चाहिए।’’
पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करें।’’
जब मखीजा ने उच्चतम न्यायालय से उच्च न्यायालय के आदेश को देखने का आग्रह किया तो पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे कल देखेंगे।’’
इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि शाह के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मामला आज (बृहस्पतिवार को) उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘चौबीस घंटे में कुछ भी होने की संभावना नहीं है।’’ साथ ही पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय को सूचित कर सकते हैं कि मामला शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में विजय शाह के खिलाफ बुधवार रात प्राथमिकी दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी तथा ‘‘अमर्यादित भाषा’’ का इस्तेमाल करने के लिए बुधवार को शाह को फटकार लगाई थी तथा पुलिस को उनके खिलाफ शत्रुता एवं घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 196 (1)(बी) (धर्म, जाति, भाषा या अन्य समान विशेषताओं के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197(1)(सी) (बयान या कार्रवाई जो शत्रुता, या विभिन्न समूहों के बीच घृणा पैदा करता है) के तहत अपराधों के लिए शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
टिप्पणी के कारण चौतरफा आलोचना झेलने के बाद मध्यप्रदेश के मंत्री ने कहा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची है तो वह 10 बार माफी मांगने को तैयार हैं और वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर विजय शाह के खिलाफ बुधवार की रात इंदौर जिले में प्राथमिकी दर्ज की गई।
भाषा
देवेंद्र