भारत और चीन के सृजनात्मक समुदायों को मिलकर काम करना चाहिए : आमिर खान
धीरज माधव
- 02 May 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
मुंबई, दो मई (भाषा)बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के सृजनात्मक समुदायों को मिलकर काम करना चाहिए।
आमिर की फिल्में ‘3 इडियट्स’ और ‘दंगल’ चीन में सुपरहिट रही थीं।
आमिर ने वेव्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ‘भारतीय सिनेमा, ओरिएंटल लुक’ सत्र के दौरान चीनी फिल्म निर्माताओं और लेखकों के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की। इस सत्र में हांगकांग के पीटर हो सुन चैन, स्टेनली टोंग जैसे प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और चीन में रहने वाले भारतीय मूल के निर्माता प्रसाद शेट्टी ने हिस्सा लिया।
आमिर ने कहा कि पिछले एक दशक में वह कई बार चीन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चीन में दर्शक, चीन में सांस्कृतिक व्यवहार और चीन के लोगों की भावनाएं भारतीयों की भावनाओं के समान हैं। इसलिए, चीनी दर्शक भी सामग्री के प्रति उसी तरह प्रतिक्रिया करते हैं जिस तरह भारतीय करते हैं। मैं चीन में अपनी कई फिल्में देखीं और ‘दंगल’ को लेकर चीनी दर्शकों की प्रतिक्रिया भारतीय दर्शकों से अलग नहीं थी। प्रतिक्रिया एक जैसी थी।’’
आमिर के अनुसार, सृजनात्मक साझेदारी की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। उनका मानना है कि ये सहयोग दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत और चीन के लिए सहयोग करने और साथ मिलकर काम करने का एक शानदार अवसर है, चाहे वह सृजनात्मक रूप से हो या भावनात्मक स्तर पर या व्यावसायिक दृष्टिकोण से, मुझे लगता है कि अगर हम चीन के साथ सहयोग करते हैं तो यह दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद ही होगा। पिछले कई सालों से, मैं चीन के दोस्तों के साथ चर्चा करता रहा हूं, और हमने अक्सर संभावनाएं तलाशी हैं। वेव्स के आने से इस दिशा में और तेज़ी आएगी।’’
आमिर ने यह भी कहा कि सहयोग एक नैसर्गिक प्रक्रिया से उत्पन्न होना चाहिए और केवल बाजार के रुझान से प्रेरित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सतही स्तर पर हम कह सकते हैं कि चलो एक चीनी या भारतीय स्टार के साथ एक एक्शन फिल्म बनाते हैं, यह मुझे उत्साहित नहीं करता, कहानी को उत्साहित करना चाहिए। चीन में रचनात्मक समुदाय के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं। वे वहां बेहतरीन काम कर रहे हैं।’’
शेट्टी ने आमिर की भावनाओं से सहमति जताते हुए दोनों देशों के बीच साझा मानवीय भावनाओं और सांस्कृतिक मूल्यों की ओर इशारा किया। उन्होंने उदाहरण दिया कि ‘पीके’ ने उनके एक चीनी सहकर्मी को बहुत प्रभावित किया था।
सुन चैन और टोंग दोनों ने भारत, इसकी सिनेमाई विरासत और व्यंजनों के प्रति गहरा लगाव व्यक्त किया।
भाषा धीरज