सीबीआई ने 2023 में केरलवासी के लापता होने के मामले की जांच अपने हाथ में ली
सिम्मी रंजन
- 04 Jul 2025, 04:19 PM
- Updated: 04:19 PM
नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केरल के रहने वाले 23 वर्षीय एक युवक के लापता होने के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह युवक 2023 से लापता है।
एजेंसी ने केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। युवक के पिता ने अपने बेटे के लापता होने के मामले की व्यापक जांच का अनुरोध करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। बीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स डिग्री धारक जमशीर 13 नवंबर 2022 को रोजगार की तलाश में यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) गया था।
उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में कहा गया कि युवक 29 मार्च 2023 तक फोन कॉल और व्हाट्सऐप के जरिए परिवार के नियमित संपर्क में था लेकिन चार अप्रैल 2023 के बाद उसका मोबाइल फोन अचानक बंद हो गया और उससे किसी प्रकार का संपर्क नहीं हो पाया।
याचिका के अनुसार, इसके दो दिन बाद जमशीर के बड़े भाई को उसके मोबाइल नंबर से एक व्हाट्सऐप संदेश मिला जो अंग्रेजी अक्षरों का इस्तेमाल करते हुए मलयालम में लिखा गया था और इसमें दावा किया गया था कि उसे नेपाल हवाई अड्डे पर 1.5 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया है एवं कुछ दिनों में उसे जमानत मिल जाएगी।
परिवार को यूएई आव्रजन विभाग से पता चला कि जमशीर 22 मार्च, 2023 को देश छोड़कर अगले दिन हैदराबाद हवाई अड्डे पर पहुंचा।
पिता ने अपनी याचिका में दलील दी कि उनके बेटे के दो साल से अधिक समय से लापता होने के बावजूद केरल पुलिस ने कोई ठोस जांच नहीं की।
परिवार ने कहा कि उन्हें प्राप्त संदेशों और उनके बेटे की अवैध हिरासत के संबंध में किसी साजिश का संदेह है। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल में प्राधिकारियों से संपर्क करने के प्रयास भी व्यर्थ गए।
पिता ने कहा कि प्रभावी जांच में देरी के कारण उनके बेटे के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है और इसलिए जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए क्योंकि जांच विभिन्न राज्यों और अन्य देशों में भी की जानी है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि मोबाइल फोन टावर लोकेशन के अनुसार जमशेर के कोलकाता के हावड़ा में होने का पता चला था। अभियोजक ने यह भी कहा कि केरल पुलिस का अधिकार क्षेत्र सीमित है और मामले को सीबीआई को सौंपना बेहतर होगा।
दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी।
भाषा सिम्मी