डब्ल्यूएफआई ने उम्र के मामले में धोखाधड़ी करने वाले 30 पहलवानों को निलंबित किया
पंत मोना
- 07 Jun 2025, 04:47 PM
- Updated: 04:47 PM
नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने जूनियर स्तर पर अधिक उम्र के पहलवानों पर शिकंजा कसते हुए पिछले महीने 400 से अधिक ऐसे मामलों की जांच के बाद 30 पहलवानों को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है।
डब्ल्यूएफआई ने मुख्य रूप से दिल्ली के अखाड़ों के प्रशिक्षकों और पहलवानों की शिकायतों पर कार्रवाई की, जिसमें कहा गया था कि हरियाणा के कई पहलवानों ने फर्जी प्रमाण पत्र हासिल करके यह दिखाया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में पैदा हुए हैं और जूनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के पात्र हैं।
इनमें दो पहलवान ऐसे हैं जिन्होंने हाल में बिहार में आयोजित खेलो इंडिया खेल में पदक जीते थे।
डब्ल्यूएफआई के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘हम पहलवानों का करियर खराब नहीं करना चाहते, इसलिए हमने उन्हें जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं जैसे अंडर-18 और कैडेट स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। अगर वे 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं तो उन्हें सीनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्हें अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें डब्ल्यूएफआई से अपने कृत्य और धोखाधड़ी के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। हम उनके मामलों पर विचार करेंगे। यह कुछ समय से चल रहा है। पिछले 30-40 दिनों में हमने एक-एक करके लगभग 30 ऐसे पहलवानों को निलंबित किया है।’’
डब्ल्यूएफआई अधिकारी ने बताया कि इनमें से अधिकतर पहलवानों ने हरियाणा में अपने प्रशिक्षकों के बहकावे में आकर दिल्ली के नरेला और रोहिणी क्षेत्र से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए रिश्वत दी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे 436 मामलों में से करीब 300 मामले नरेला क्षेत्र से थे, जबकि बाकी मामले सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी जैसे क्षेत्र से थे जो रोहिणी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इनमें से अधिकतर पहलवान बेगमपुरा से आयु प्रमाण पत्र हासिल कर रहे थे।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘वे सभी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, क्योंकि हरियाणा की टीम में चयन होना आसान नहीं है। हमने शिकायतें मिलने के बाद एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड से संपर्क किया तथा जांच और सत्यापन के बाद यह साबित हो गया कि उनके प्रमाण पत्र फर्जी थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए कोच जिम्मेदार हैं। वे चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतें। इसी लालच के कारण वे अधिक उम्र के पहलवानों को जूनियर स्तर पर खेलने के लिए भेजते हैं।’’
डब्ल्यूएफआई ने भी खेलो इंडिया की तकनीकी समिति को बताया था कि एक महिला पहलवान को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पेश करने के कारण प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस महिला पहलवान ने दिल्ली छावनी बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। जब हमने बोर्ड से संपर्क किया, तो उन्होंने हमें बताया कि उनके द्वारा ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।’’
इस बीच डब्ल्यूएफआई ने खेलो इंडिया खेल के दौरान यौन उत्पीड़न की शिकायत मिलने के बाद हरियाणा के कोच संजय लाठेर को निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें शिकायत मिली थी कि यह कोच प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद एक महिला पहलवान के कमरे में घुस गया था। अंतरिम शिकायत समिति ने मामले की विधिवत जांच की और उस पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।’’
भाषा
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