यूडीएफ ने रंजीत और सिद्दीक के इस्तीफे के फैसले का स्वागत किया; संस्कृति मंत्री से भी मांगा इस्तीफा
प्रीति सुरेश रंजन
- 25 Aug 2024, 06:55 PM
- Updated: 06:55 PM
तिरुवनंतपुरम, 25 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने मलायलम फिल्म निर्माता रंजीत के केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से और अभिनेता सिद्दीक के ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दिए जाने के फैसले का रविवार को स्वागत किया।
दो अभिनेत्रियों द्वारा फिल्म-निर्माता और अभिनेता पर अलग-अलग यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद दोनों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
विपक्षी पार्टी ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि दोनों के इस्तीफा दिए जाने से जारी विवाद और संबंधित घटनाक्रम समाप्त नहीं होगा।
केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने इस संबंध में कड़ा बयान देकर सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन के इस्तीफे की मांग की और उन पर हेमा समिति की रिपोर्ट पर 'पर्दा डालने' और पीड़ितों के बयानों को खारिज करके आरोपी व्यक्तियों को बचाने का आरोप लगाया।
न्यायमूर्ति हेमा समिति की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीड़न की कई घटनाओं को उजागर किया गया, जिसके बाद अनेक अभिनेत्रियों ने ज्ञात व्यक्तियों द्वारा कथित उत्पीड़न के बारे में आपबीती सार्वजनिक रूप से बयां करने का साहस दिखाया।
बांग्ला फिल्मों में काम करने वाली एक अभिनेत्री ने फिल्म निर्माता रंजीत पर उसके साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया जबकि राज्य की एक अन्य अभिनेत्री ने सिद्दीक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके कारण दोनों को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा।
सतीशन ने कहा, ''सरकार ने अकादमी अध्यक्ष को बचाने की कोशिश तो की लेकिन उनके प्रयास नाकाम रहे। गंभीर आरोपों के चलते इस्तीफा देना अपरिहार्य था।''
बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि सांस्कृतिक मामलों के मंत्री द्वारा आरोपी को खुलेआम बचाने की कोशिश करना पूरे राज्य के लिए 'अपमानजनक' है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "अपनी कानूनी और संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा किए बिना शपथ का उल्लंघन करने वाले चेरियन एक पल के लिए भी मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।''
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री और संबंधित अधिकारियों ने हेमा समिति की रिपोर्ट को छिपाकर 'गंभीर अपराध' किया है, जबकि तथ्य यह है कि पोक्सो अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों सहित कई अपराध हुए हैं।
सतीशन ने हेमा समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच के लिए तत्काल महिला आईपीएस अधिकारियों की एक टीम गठित करने की पुन: मांग की।
उन्होंने कहा, ''असली दोषियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।"
सतीशन ने सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर वह प्रस्तावित सिनेमा सम्मेलन को आगे बढ़ाती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह सम्मेलन आगामी महीनों में आयोजित किए जा सकते हैं।''
भाषा प्रीति सुरेश