भाजपा सरकार के दबाव में परिनिर्वाण दिवस पर आईजीपी में आयोजित कार्यक्रम निरस्त किया गया: सपा
आनन्द सुरभि
- 05 Dec 2025, 10:45 PM
- Updated: 10:45 PM
लखनऊ, पांच दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के प्रति दुर्भावनापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (आईजीपी), लखनऊ में शनिवार को समाजवादी बाबा साहेब आंबेडकर वाहिनी द्वारा आयोजित विशाल श्रद्धांजलि सभा की सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद सरकार के दबाव में कार्यक्रम का आयोजन अचानक निरस्त कर दिया गया।
सपा राज्य मुख्यालय, लखनऊ से जारी एक बयान के मुताबिक डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोहनलालगंज के पार्टी सांसद आर के चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल तथा समाजवादी बाबा साहब आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
सपा नेताओं ने कहा कि छह दिसंबर 2025 को डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बतौर मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भाग लेना था। भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस-प्रशासन द्वारा कार्यक्रम रद्द किये जाने की सूचना तानाशाही और अलोकतांत्रिक कृत्य है।
सपा सांसद ने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार कितनी भयभीत है। भाजपा सिर्फ वोट के लिए बाबा साहेब का नाम लेती है। हम जनता के बीच जाएंगे और हर जगह परिनिर्वाण दिवस मनाएंगे, बाबा साहेब की मूर्तियों पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। बाबा साहेब के अपमान का बदला लेंगे।
सपा नेताओं ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा को रद्द करने से साबित हो गया कि ‘‘भाजपा बाबा साहेब से नफरत करती है। हम कोई धरना प्रदर्शन करने नहीं जा रहे थे। यह दलित समाज की उभरती राजनीतिक चेतना को रोकने का निंदनीय प्रयास है जो किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा।’’
नेताओं ने कहा कि भाजपा संविधान और उसके निर्माता के प्रति अपमानजनक व्यवहार कर रही है। भाजपा संविधान और आरक्षण दोनों को समाप्त करना चाहती है।
सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि बाबा साहेब को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा नहीं मानती है। जब बाबा साहेब ने देश को संविधान का प्रारूप दिया था तब आरएसएस के सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ने समतामूलक समाज के निर्माण के प्रयासों की निंदा की थी। आरएसएस चाहती है कि समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव बना रहे। दलित समाज अब जाग चुका है। वह झुकने वाला नहीं।
भाषा आनन्द