उड़ानों की अव्यवस्था मामूली, बंगाल के मनरेगा श्रमिकों की पीड़ा कहीं अधिक: ओ’ब्रायन
राखी रंजन
- 05 Dec 2025, 10:21 PM
- Updated: 10:21 PM
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से कई सांसदों के प्रभावित होने के बीच राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में योजना निलंबित रहने के कारण मजदूरी से वंचित मनरेगा श्रमिकों की समस्या की तुलना में उड़ानों की अव्यवस्था की "पीड़ा बहुत कम" हैं।
यह टिप्पणी ऐसे समय आई जब पार्टी ने पश्चिम बंगाल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मिलने वाली राशि समेत देय केंद्रीय धनराशि के बकाये का भुगतान न होने का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया।
ओ’ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, “सांसद (उड़ान रद्द होने के कारण) इस मुश्किल और पीड़ा को कुछ हद तक झेल लेंगे, लेकिन यह पीड़ा इस सरकार की ओर से मनरेगा के तहत मेहनत करने वाले 59 लाख बंगालियों को मिल रहे दर्द के मुकाबले बेहद कम है, जिन्हें तीन साल से भुगतान नहीं किया गया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की इस योजना के तहत बकाये का भुगतान न होने से सरकार श्रमिकों को 52,000 करोड़ रुपये से वंचित कर रही है।
इंडिगो द्वारा पिछले दो दिनों में लगभग 500 उड़ानें रद्द किए जाने का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में उठा, जहां कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने एयरलाइन के “एकाधिकार” और उसके सांसदों तथा आम नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने शुक्रवार को अपने-अपने घर लौटने और सोमवार को वापस आने के लिए उड़ानें बुक कर रखी थीं, लेकिन अब वे कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
केंद्रीय बकाये के मुद्दे पर विरोध के तीसरे दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने केंद्र पर “प्रतिशोध की राजनीति” करने और राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए पूरे राज्य को आर्थिक रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया।
लोकसभा के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी बकाया भुगतान के लिए अपना आंदोलन जारी रखेगी।
उन्होंने कहा, “आज टीएमसी संसदीय दल ने बंगाल और मनरेगा के बकाया भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।”
रॉय ने आरोप लगाया कि ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 52,000 करोड़ रुपये बकाया है और कुल मिलाकर केंद्र पर राज्य का करीब दो लाख करोड़ रुपये बकाया है।
उन्होंने कहा, “हम यह पैसा मिलने तक आंदोलन जारी रखेंगे।”
राज्यसभा में सोमवार को दिए एक लिखित उत्तर में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत धनराशि जारी करना 9 मार्च 2022 से रोक दिया गया है, क्योंकि राज्य द्वारा केंद्र सरकार के निर्देशों का लगातार अनुपालन नहीं किया गया।
भाषा राखी