आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान घटाकर दो प्रतिशत किया
निहारिका रमण
- 05 Dec 2025, 01:21 PM
- Updated: 01:21 PM
(तस्वीर के साथ)
मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 2.6 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है।
मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर 2016 में लचीली व्यवस्था अपनाये जाने के बाद पहली बार हेडलाइन (खुदरा) मुद्रास्फीति 2025-26 की दूसरी तिमाही में औसतन 1.7 प्रतिशत रही। यह आरबीआई को दिये गये लक्ष्य के निचले स्तर दो प्रतिशत से भी कम है। आरबीआई को दो प्रतिशत घट बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो से छह प्रतिशत) रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
यह अक्टूबर 2025 में और भी घटकर केवल 0.3 प्रतिशत पर आ गई जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की तीन-दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ मुद्रास्फीति में अनुमान से अधिक तेजी से गिरावट खाद्य कीमतों में सुधार के कारण आई। यह सितंबर-अक्टूबर के महीनों के दौरान देखी जाने वाली सामान्य प्रवृत्ति के उलट है। कीमती धातुओं द्वारा निरंतर मूल्य दबाव के बावजूद मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य एवं ईंधन को छोड़कर सीपीआई मुद्रास्फीति) सितंबर-अक्टूबर में काफी हद तक नियंत्रित रही।’’
सोने को छोड़कर अक्टूबर में मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई।
गवर्नर ने कहा कि कुल मिलाकर मुद्रास्फीति काफी गिरावट आ गई है।
मुद्रास्फीति परिदृश्य पर मल्होत्रा ने कहा कि उच्च खरीफ उत्पादन, अच्छी रबी बुवाई, जलाशयों के पर्याप्त स्तर एवं मिट्टी में अनुकूल नमी से खाद्य आपूर्ति की संभावनाएं बेहतर हुई हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ धातुओं को छोड़कर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंस की कीमतों में आगे चलकर नरमी आने की संभावना है।
गवर्नर ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर मुद्रास्फीति अक्टूबर में लगाए गए अनुमान से कम रहने की संभावना है। इसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में गिरावट है।’’
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए मल्होत्रा ने कहा कि 2025-26 के लिए खुदरा (सीपीआई) मुद्रास्फीति अब दो प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके तीसरी तिमाही में 0.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2026-27 की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 4.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
मल्होत्रा ने कहा कि अंतर्निहित मुद्रास्फीति दबाव और भी कम है क्योंकि कीमती धातुओं की कीमत में वृद्धि का प्रभाव लगभग 0.50 प्रतिशत है जिसमें जोखिम दोनों ओर समान है।
भाषा निहारिका