पंजाब चुनाव : विपक्ष ने ‘आप’ पर प्रतिद्वंद्वियों को नामांकन दाखिल करने से रोकने का आरोप लगाया
राखी रंजन
- 04 Dec 2025, 11:49 PM
- Updated: 11:49 PM
चंडीगढ़/पटियाला, चार दिसंबर (भाषा) विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार पर 14 दिसंबर को होने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के लिए प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
विपक्षी दलों ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के इशारे पर कुछ विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र फाड़े गए या छीन लिए गए।
बृहस्पतिवार को चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। मतगणना 17 दिसंबर को होगी।
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में एसडीएम परिसर के बाहर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आप समर्थकों ने उनके दो उम्मीदवारों से मारपीट की और उनकी पगड़ियां उतार दीं।
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के बेटे उदयवीर रंधावा ने आरोप लगाया कि आप विधायक गुरदीप सिंह रंधावा और उनके समर्थकों ने कांग्रेस उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने की कोशिश की।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार शांति से नामांकन भर रहे थे, तभी उनकी पिटाई की गई।
पटियाला के घनौर में, पूर्व कांग्रेस विधायक मदन लाल जलालपुर ने आरोप लगाया कि शंभू ब्लॉक से पार्टी के दो उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नामांकन केंद्र पर ‘आप’ समर्थकों ने कांग्रेस उम्मीदवार जोनी देवी का नामांकन पत्र छीन लिया और उसे फाड़ दिया।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया और दावा किया कि एक व्यक्ति ने कथित तौर पर कांग्रेस की एक महिला उम्मीदवार का नामांकन पत्र छीन लिया और भाग गया।
उन्होंने इसे शर्मनाक बताया और पूछा, ‘‘क्या यही ईमानदार राजनीति है?’’
कांग्रेस नेता ने कहा, "अगर 'आप' पंजाब में जीत नहीं सकती तो उसके लिए विपक्ष के कागजात छीनना ही एकमात्र विकल्प है।"
भाजपा की पंजाब इकाई ने भी ‘आप’ सरकार पर पुलिस तंत्र और प्रशासनिक अधिकारियों का ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सत्तारूढ़ दल आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में हार के डर से इस तरह के हथकंडे अपना रहा है।
प्रदेश भाजपा महासचिव अनिल सरीन ने आरोप लगाया, ‘‘विपक्षी उम्मीदवारों पर नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने के लिए दबाव डाला जा रहा है। इतना ही नहीं, कई निर्वाचन क्षेत्रों में पुलिस विपक्षी उम्मीदवारों के घरों पर छापे मार रही है, उनके घरों के दरवाजे बंद कर रही है, परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले रही है, उनके दस्तावेज फाड़ रही है और उनकी आवाजाही में बाधा डालने के लिए सड़कें अवरुद्ध कर रही है।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि सबूतों सहित कई शिकायतें राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की चुप्पी चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रही है और पूछा, “क्या आयोग का काम अब सिर्फ दस्तावेज पढ़ने तक सीमित रह गया है?”
भाषा राखी