पाकिस्तानी जासूसों के साथ संवेदनशील जानकारियां साझा करने पर पूर्व सैनिक एवं एक महिला गिरफ्तार
राजकुमार नरेश
- 04 Dec 2025, 06:23 PM
- Updated: 06:23 PM
अहमदाबाद, चार दिसंबर (भाषा) गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सैन्य प्रतिष्ठानों और कर्मियों के बारे में संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा करने के आरोप में एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी और एक महिला को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोपी अजय कुमार सिंह को एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने भारतीय सेना की रेजीमेंटों की गतिविधियों/आवागमन और प्रमुख सैन्य अधिकारियों के स्थानांतरण के बारे में जानकारी देने के लिए फुसलाया था, जबकि अन्य आरोपी रश्मणी पाल को कुछ व्यक्तियों को मोहपाश में फंसाने के लिए कहा गया था।
एटीएस का कहना है कि बिहार के मूल निवासी सिंह (47) को गोवा में गिरफ्तार किया गया, जहां वह 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद एक ‘डिस्टिलरी’ में काम कर रहा था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी पाल (35) को केंद्र शासित प्रदेश दमन से पकड़ा गया, जहां वह ट्यूशन पढ़ाती थी।
एजेंसी ने कहा कि ‘अंकिता शर्मा’ के नाम से काम करने वाली पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी सिंह के संपर्क में थी।
एटीएस पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कोरुकोंडा ने बताया कि पाल 'प्रिया ठाकुर' के फर्जी नाम से काम करती थी तथा कथित तौर पर अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर सैन्य कर्मियों से दोस्ती करके उनसे सूचनाएं हासिल करती थी।
पुलिस अधीक्षक ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि सिंह से 'अंकिता शर्मा' ने तब संपर्क किया था, जब वह 2022 में नागालैंड के दीमापुर शहर में भारतीय सेना में सूबेदार था।
उन्होंने कहा, ‘‘ सिंह ने सेवानिवृत्ति के बाद गोवा में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर ली। उससे दोस्ती करके और उसका विश्वास जीतकर, पाकिस्तानी एजेंट ने उससे रेजिमेंटों की आवाजाही और प्रमुख सैन्य अधिकारियों के तबादलों जैसी संवेदनशील जानकारी मांगी।’’
कोरुकोंडा ने बताया कि पाकिस्तानी जासूस के कहने पर सिंह ने कथित तौर पर ‘पाठ्य सामग्री’, फ़ोटो और वीडियो के रूप में जानकारी साझा की थी।
उन्होंने बताया कि पड़ोसी देश के जासूस ने सिंह के मोबाइल फ़ोन पर एक ‘ट्रोजन मैलवेयर’ फ़ाइल भी भेजी थी तथा उसे इसे ‘सेव’ और ‘इंस्टॉल’ करने का निर्देश दिया गया था ताकि संवेदनशील जानकारी व्हाट्सएप के ज़रिए साझा न करनी पड़े।
उन्होंने बताया कि इस मैलवेयर की मदद से एजेंट सिंह के मोबाइल पर दूर से ही नजर रख पाता था।
पाल से पूछताछ का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वह पैसे के लिए पाकिस्तानी आकाओं - ‘अब्दुल सत्तार’ और ‘खालिद’ के लिए एक प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम करने के लिए सहमत हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अब्दुल सत्तार और खालिद के निर्देश पर, उसने प्रिया ठाकुर नाम से अपनी फर्जी पहचान बनाई तथा भारतीय सेना के जवानों के साथ दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी, जिनका विवरण सत्तार और खालिद ने गोपनीय सैन्य जानकारी निकालने के लिए साझा किया।’’
उन्होंने बताया कि गृहिणी पाल को पाकिस्तान स्थित संचालक समय-समय पर मोबाइल नंबरों की सूची मुहैया कराते थे और वह सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए कुछ लोगों को फंसाने की फिराक में थी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘ पाकिस्तानी आकाओं ने पाल को खास तौर पर कुछ सैन्य इकाइयों, उनके युद्ध अभ्यासों और गतिविधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। पाल अब्दुल सत्तार के पाकिस्तानी नंबर पर सीधे संपर्क में थी। पैसे के लेन देन के लिए उसने एक नया खाता खोला था।’’
भाषा राजकुमार