तृणमूल कांग्रेस ने उपकर विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजने की सलाह दी
सुरेश वैभव
- 04 Dec 2025, 05:32 PM
- Updated: 05:32 PM
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने पान मसाला पर उपकर लगाने के प्रावधान वाले विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की सलाह दी।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रो. सौगत रॉय ने विधेयक के नाम में हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रण किये जाने का विरोध किया और इस तरह के नाम के औचित्य पर सवाल उठाये।
रॉय ने लोकसभा में ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक 2025’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार ऐसे समय में यह विधेयक लेकर आई है जब डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है और अर्थव्यवस्था की हालत खास्ता है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इस मुद्दे पर एक पंक्ति का बयान नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि पान मसाला कैंसर जैसी बीमारी को बढ़ावा देता है, लेकिन सरकार इस तरह के उपकर लगाकर राजस्व अर्जित करने के लिए बेचैन दिख रही है।
उन्होंने सवाल किया कि एक तरफ सरकार कह रही है कि संबंधित मामलों को अपराध की श्रेणी से हटाया जा रहा है, लेकिन इसने विधेयक में सजा की अवधि बढ़ाने का प्रावधान किया है, जो सरकार का विरोधाभासी रुख है।
उन्होंने इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने का सरकार से आग्रह किया।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की डॉ. टी. सुमति ने भी विधेयक का विरोध किया तथा इसके नाम पर भी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि पान मसाला से उपकर के जरिये राजस्व कमाकर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा, लेकिन यह कितना हास्यास्पद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘वैश्विक नेता’ बनने की ओर अग्रसर हैं और सरकार को पान मसाला पर उपकर लगाकर स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैसे जुटाने पड़ रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है?
डॉ. सुमति ने कहा कि पान मसाला पर उपकर लगाने के बजाय कर क्यों नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की दृष्टि से यह विधेयक संघीय व्यवस्था को गहरी क्षति पहुंचाने वाला, उसके मूल सिद्धांतों पर प्रहार करने वाला या संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला कदम है।
आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि
पान मसाले पर उपकर से राष्ट्रीय सुरक्षा की बात बड़ी हास्यास्पद है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस उपकर के बाद अब तो पान मसाला बेचने वाला और खाने वाला कहेगा कि मैं देश की सुरक्षा कर रहा हूं।’’
शिवसेना (उबाठा) के संजय देशमुख ने विधेयक का विरोध किया।
इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) के आलोक कुमार सुमन ने कहा कि यह विधेयक राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक व्यावहारिक कदम है। उन्होंने इस विधेयक को प्रावधानों को स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि संग्रहित उपकर में बिहार की हिस्सेदारी बढ़ायी जाए। उन्होंने ऐसे पुख्ता उपाय करने का भी सरकार से अनुरोध किया कि उपकर से वसूली गयी राशि का व्यय केवल स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में किया जाना चाहिए।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के डी. प्रसाद राव ने विधेयक को न केवल कर सुधार की दिशा में, बल्कि इससे राष्ट्र की सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम भी बताया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के वीरेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाये गये किसी कदम का उनकी पार्टी समर्थन करेगी।
उन्होंने पहलगाम हमले की दिल दहलाने वाली घटना का जिक्र किया और कहा कि लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर को देखा और महसूस किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में जिस तरह से हिंदुओं की हत्या की गयी और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना ने जो शौर्य एवं पराक्रम दिखाया है, उससे सभी भारतीय गौरवान्वित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उपकर का पैसा देश की सेना के लिए इस्तेमाल होगा तो उसका विरोध कोई नहीं करेगा।’’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी स्वास्थ्य सुरक्षा एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए लाये गये विधेयक का समर्थन करती है।
भाषा सुरेश