दिग्गज फिल्म निर्माता एवीएम सरवनन का निधन
सुमित पवनेश
- 04 Dec 2025, 04:40 PM
- Updated: 04:40 PM
चेन्नई, चार दिसंबर (भाषा) प्रतिष्ठित एवीएम स्टूडियोज के मालिक और दिग्गज फिल्म निर्माता एम सरवनन का बृहस्पतिवार को चेन्नई में वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन चेन्नई स्थित एवीएम स्टूडियोज पहुंचे और सरवनन को श्रद्धांजलि दी। एवीएम स्टूडियोज में सरवनन का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
बाद में स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट कर सरवनन को "शांत और सादगी के साथ जीवन जीने वाले'' व्यक्ति के तौर पर याद किया।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि बीते वर्षों में सरवनन के कुशल मार्गदर्शन में एवीएम ने स्वयं को एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में स्थापित किया
मुख्यमंत्री ने 'पोस्ट' में कहा, "एवीएम प्रोडक्शंस का द्रविड़ आंदोलन की सिनेमाई यात्रा से लंबा जुड़ाव रहा है, महान विद्वान अन्नादुरई की 'ओर इरावु' से लेकर कैलाईनार की 'परासक्ति' और मुरासोली मारन की 'कुलदेवम' तक। वह संबंध पारिवारिक स्नेह में बदल गया, और एवीएम सरवनन ऐसे व्यक्ति थे जो हमारे परिवार के करीब आए और घुलमिल गए।''
सूत्रों के अनुसार, सरवनन कुछ वर्षों से अस्वस्थ थे। प्रशंसकों के बीच एवीएम सरवनन के नाम से पहचाने जाने वाले निर्माता ने 1946 में स्थापित एवीएम स्टूडियो का कार्यभार 1979 में अपने पिता एवी मय्यप्पन के निधन के बाद संभाला।
उनके नेतृत्व में एवीएम एक प्रमुख फिल्म निर्माण कंपनी बनी रही और उन्होंने तमिल, तेलुगु, हिंदी सहित अन्य भाषाओं की फिल्मों में काम किया।
सरवनन ने अपने भाई एम बालसुब्रमण्यम के साथ मिलकर 1950 के दशक से व्यावसायिक तमिल सिनेमा को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
उनकी फिल्में विशेष रूप से 'नानम ओरु पेन' (1963) और 'संसारम अधु मिनसारम' (1986) काफी सराही गईं।
मय्यप्पन के निधन के बाद एवीएम प्रोडक्शंस ने अभिनेता रजनीकांत के साथ 1980 में 'मुरट्टु कालई' बनाकर वापसी की।
यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तमिल फिल्म बनी और रजनीकांत को सुपरस्टार के रूप में स्थापित करने में सहायक रही।
अभिनेता कमल हासन ने भी 1960 में एवीएम द्वारा निर्मित फिल्म 'कलत्तूर कन्नम्मा' से बाल कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत की थी।
सरवनन ने एवीएम स्टूडियोज को एक प्रमुख शूटिंग केंद्र बनाए रखा और टेलीविजन धारावाहिकों तथा नये मीडिया प्रारूपों में भी प्रवेश किया।
उन्होंने 1986 में मद्रास के शेरिफ के रूप में भी कार्य किया। उनके परिवार में उनके पुत्र एम एस गुहान हैं, जो फिल्म निर्माता हैं।
इस बीच तमिल फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल के अध्यक्ष एन रामसामी और अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी कर शोक जताया।
कई फिल्म निर्देशकों, निर्माताओं और अभिनेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भाषा सुमित