अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर रोकथाम के लिए कर बढ़ाया जाए, विज्ञापन बंद हों: भाजपा सांसद
वैभव माधव
- 04 Dec 2025, 02:02 PM
- Updated: 02:02 PM
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद ने बच्चों के बीच जंक फूड और पेय पदार्थों के बढ़ते चलन को उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह बताते हुए बृहस्पतिवार को सरकार से ऐसे अति-प्रसंस्कृत (अल्ट्रा-प्रोसेस्ड) खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए इन पर कर बढ़ाने और बच्चों के लिए इनके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से देश में ‘इंस्टेंट नूडल्स’ जैसे अति-प्रसंस्कृत खाद्य और ऐसे पेय पदार्थों की खपत बहुत बढ़ गई है और बच्चे इनका अधिक सेवन कर रहे हैं जिससे मोटापा, मधुमेह और हृदयरोग जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि ‘अल्ट्रा-प्रोसेस्ड’ खाद्य पदार्थों की परिभाषा तय की जानी चाहिए और इनकी पैकेजिंग और लेबलिंग की दिशा में काम किया जाना चाहिए जैसा कि कई देशों ने किया है और ऐसे जंक फूड की खपत को कम किया है।
सूर्या ने कहा कि ऐसे खाद्य पदार्थों पर कर बढ़ाया जाना चाहिए और बच्चों के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
शून्यकाल में वाईएसआरसीपी के पीवी मिथुन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में केला उत्पादक किसानों की समस्या उठाते हुए सरकार से मांग की कि उन्हें निशुल्क फसल बीमा और सब्सिडी की सुविधा मिलनी चाहिए तथा केले की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने देशभर में बंदरों, नीलगायों और जंगली सुअरों से फसलों को होने वाले नुकसान की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम संचालित करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा ना तो कृषि मंत्रालय के दायरे में आता है और ना ही पशु पालन विभाग के दायरे में आता है, इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए एक अलग नोडल मंत्रालय बनाया जाना चाहिए।
भाजपा की भारती पारधी ने शून्यकाल में कहा कि देश में गोवंश के वध और उनकी तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसके लिए गोसंरक्षण कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने एनसीआरबी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पंजाब में नशीले पदार्थों का उपयोग करने वालों से ज्यादा नशीले पदार्थ बेचने वाले हैं।
उन्होंने राज्य सरकार पर मादक पदार्थों की समस्या से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए केंद्र से आवश्यक उपाय करने की मांग की।
भाजपा की बांसुरी स्वराज ने वरिष्ठ नागरिकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 2050 तक देश में बुजुर्ग जनसंख्या 20 प्रतिशत होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने आयुष्मान योजना के माध्यम से बुजुर्गों समेत देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता की। उसी तरह वृद्धजनों की देखभाल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘जेरियाट्रिक केयर’ (वृद्धों की देखभाल) के लिए रोडमैप बनाया जाना चाहिए।
भाषा वैभव