नेहरू को कुछ दक्षिण भारतीय मंदिर ‘अरुचिकर’ लगते थे: भाजपा
सिम्मी प्रशांत
- 03 Dec 2025, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी की एक किताब का बुधवार को हवाला देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जवाहरलाल नेहरू एवं बाबरी मस्जिद के बारे में किए गए दावों को दोहराया और कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि दक्षिण भारत के कुछ मंदिरों की सुंदरता के बावजूद उन्हें वे ‘‘अरुचिकर’’ लगते थे।
कांग्रेस ने सिंह के इस दावे को ‘‘झूठ’’ और ‘‘व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी की कहानी’’ करार दिया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सार्वजनिक धन का उपयोग करके बाबरी मस्जिद का निर्माण करना चाहते थे। उसने कहा कि रक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए।
सिंह ने मंगलवार को कहा था कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सार्वजनिक धन से ‘‘बाबरी मस्जिद’’ बनवाना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनकी योजना सफल नहीं होने दी।
राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘राजनाथ सिंह ने जो कहा उसका स्रोत ‘इनसाइड स्टोरी ऑफ सरदार पटेल, डायरी ऑफ मणिबेन पटेल’ है।’’
उन्होंने कहा कि पुस्तक के पृष्ठ 24 पर लिखा है कि नेहरू ने भी बाबरी मस्जिद का प्रश्न उठाया था लेकिन सरदार पटेल ने स्पष्ट कर दिया था कि सरकार मस्जिद निर्माण पर कोई धन खर्च नहीं कर सकती।
त्रिवेदी ने पुस्तक से अंश पढ़ते हुए कहा, ‘‘उन्होंने नेहरू से कहा कि सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रश्न बिल्कुल अलग है, क्योंकि इस उद्देश्य के लिए न्यास बनाया गया है और लगभग 30 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं। पटेल ने नेहरू से कहा कि यह एक न्यास है जिसके अध्यक्ष जाम साहब हैं और मुंशी केवल एक सदस्य है और इस उद्देश्य के लिए कोई सरकारी धन इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इससे नेहरू चुप हो गए।’’
भाजपा नेता ने नेहरू के बारे में सिंह की टिप्पणी पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के लोगों को अपने नेताओं को विभिन्न विषयों पर जानकारी देने से पहले ‘‘अच्छे से सोच विचार कर लेना’’ चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें उनको यह भी बताना चाहिए कि तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन वे उसमें शामिल हुए।’’
त्रिवेदी ने ‘सिलेक्टेड वर्क्स ऑफ जवाहरलाल नेहरू सीरीज 2’ का हवाला देते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन के दौरान, नेहरू ने जाम साहब को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि उन्हें इस समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए।
भाजपा नेता ने दावा किया कि नेहरू ने 1959 में दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि दक्षिण भारत के कुछ मंदिरों की सुंदरता के बावजूद उन्हें वे ‘‘अरुचिकर’’ लगते थे।
उन्होंने नेहरू के उस कार्यक्रम में कहे गए शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘दक्षिण भारत के कुछ मंदिर अपनी सुंदरता के बावजूद मुझे अरुचिकर लगते हैं। मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों है। मैं इसकी व्याख्या भी नहीं कर सकता लेकिन वे दमनकारी हैं। वे मेरी आत्मा को दबाते हैं। वे मुझे ऊपर उठने नहीं देते और मुझे अंधेरे गलियारों में दबाए रखते हैं। मुझे धूप और हवा पसंद है।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि इसके विपरीत नेहरू को ताजमहल ‘‘अद्भुत रूप से सुंदर’’ लगता था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इतिहास में गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोई कोशिश नहीं कर रहे लेकिन कांग्रेस को अपने मुर्दों के डीएनए की जांच करानी चाहिए। मैं यहां किसी का अपमान नहीं करना चाहता। यहां डीएनए शब्द का मतलब राजनीतिक डीएनए है।’’
त्रिवेदी ने देव आनंद अभिनीत हिंदी फिल्म ‘जब प्यार किसी से होता है’ के लोकप्रिय गीत ‘100 साल पहले मुझे तुमसे प्यार था’ की कुछ शुरुआती पंक्तियों का जिक्र देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए यह इस तरह होना चाहिए: ‘कई साल पहले मुझे हिंदुओं से नफरत का ज्वार था, जिया बेकरार था, कट्टर पंथी वोटों के लिए बेकरार था, आज भी है और कल भी रहेगा’।’’
भाषा
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