लापता लोगों की खोज के लिए रास में आप सदस्य ने की राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल बनाने की मांग
मनीषा माधव
- 03 Dec 2025, 12:48 PM
- Updated: 12:48 PM
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) देश में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों के लापता होने पर चिंता जाहिर करते हुए आम आदमी पार्टी के एक सदस्य ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार से मांग की ऐसे लोगों की खोज के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल बनाया जाए और साथ ही संसद में एक विधेयक भी लाया जाए।
शून्यकाल के तहत उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए आम आदमी पार्टी के डॉ अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि देश में 47 हजार बच्चे और करीब एक लाख 97 हजार महिलाएं लापता हैं।
उन्होंने कहा ‘‘यह तो सरकारी आंकड़े हैं। गुमशुदगी के जो मामले थाने तक नहीं पहुंचते, उनका रिकार्ड भी नहीं है। शायद यह आंकड़ा लाखों में होगा।’’
मित्तल ने कहा ‘‘उच्चतम न्यायालय भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए कह चुका है कि हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता होता है। सवाल यह है कि ये लापता लोग जाते कहां हैं?’’
उन्होंने दावा किया कि यह केवल गुमशुदगी के मामले नहीं हैं बल्कि यह सुनियोजित तरीके से होने वाली मानव तस्करी के मामले हैं। उन्होंने कहा ‘‘इन लोगों से भीख मंगवाई जाती है, इनसे बंधुआ मजदूरी कराई जाती है, देह व्यापार कराया जाता है और अंग व्यापार में इन लोगों का इस्तेमाल किया जाता है।’’
मित्तल ने सरकार ने मांग की कि इस समस्या के समाधान के लिए गृह मंत्रालय एक ‘राष्ट्रीय लापता व्यक्ति’ पोर्टल बनाए और इसमें चेहरे से पहचान प्रणाली का व्यापक रूप से उपयोग किया जाए ताकि लापता लोगों का पता लगाने में आसानी हो।
उन्होंने कहा कि जनगणना जल्द ही शुरू होने वाली है। ‘‘ जनगणना में लापता लोगों का भी एक कॉलम जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि जब तक ऐसे लोगों की जानकारी नहीं होगी तो उन्हें खोजा कैसे जाएगा।’’
मित्तल ने कहा कि लापता लोगों के मामलों को मानव तस्करी के नजरिये से भी देखा जाना चाहिए और इस संबंध में संसद में सरकार एक विधेयक ले कर आए। उन्होंने कहा कि जब तक कठोर कदम नहीं उठाए जाएंगे, यह समस्या दूर नहीं होगी।
शून्यकाल में ही भाजपा के तेजवीर सिंह ने उत्तर प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं और उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा है।
सिंह ने कहा ‘‘राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के प्रयास सराहनीय हैं लेकिन इनके बेहतर पऋणाम के लिए बेहतर अवसंरचना भी जरूरी है। प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर का ग्रीन ग्रिड कनेक्शन होना चाहिए। राज्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं दूरदर्शी कदम उठाए जाने चाहिए।’’
भाजपा की ही धर्मशीला गुप्ता ने बिहार में ऋण वितरण सुविधाओं को मजबूत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन, जनधन खाता, मुद्रा ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव किया है।
उन्होंने कहा ‘‘लेकिन ऋण वितरण सुविधाओं में खामी है। इसे मजबूत करने की जरूरत है और इसके लिए व्यावहारिक चुनौतियों की पहचान कर उनका समाधान करना जरूरी है।’’
अन्नाद्रमुक के आई एस इन्बादुरै ने तमिलनाडु में हाल में आए चक्रवाती तूफान ‘दित्वा’ के प्रभाव के चलते हुई मूसलाधार बारिश और इसकी वजह से फसल पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव का मुद्दा उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाया अन्यथा राज्य को भयावह नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता।
उन्होंने दावा किया कि चेन्नई में तो दो दो फुट पानी भर गया और शिक्षण संस्थानों तथा अन्य संस्थानों में छुट्टी की नौबत आ गई।
इन्बादुरै ने मांग की कि इस आपदा में प्रभावित हुए किसानों को तत्काल उचित राहत दी जानी चाहिए।
भाषा मनीषा