पुतिन की यात्रा से पहले फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन के राजदूतों का संयुक्त लेख असामान्य: भारतीय अधिकारी
सिम्मी पारुल
- 03 Dec 2025, 12:03 AM
- Updated: 12:03 AM
नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस सप्ताह नयी दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और रूस व्यापार एवं स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने एक प्रमुख समाचार पत्र में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के दूतों द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गए लेख पर आपत्ति जताई।
उन्होंने बताया कि पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्ष भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को सुगम बनाने के लिए गतिशीलता संबंधी एक समझौते पर भी हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसमें भारतीय श्रमिकों की भर्ती की शर्तों को भी स्पष्ट किया जाएगा।
राष्ट्रपति पुतिन बृहस्पतिवार से भारत की दो दिवसीय यात्रा करेंगे और इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। इस बैठक से व्यापार और रक्षा सहित कई क्षेत्रों में ऐसे महत्वपूर्ण परिणाम मिलने की उम्मीद है, जो द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-पुतिन वार्ता में यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा उठने की संभावना है। उन्होंने भारत के दीर्घकालिक रुख को दोहराया कि युद्ध का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं किया जा सकता तथा बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों के संदर्भ में, भारत किसी भी ऐसे कदम का समर्थन करता है, जो लड़ाई रोकने और स्थायी शांति की दिशा में ले जाए।
अधिकारियों ने एक प्रमुख समाचार पत्र में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के दूतों द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गए लेख का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति जताई।
इस लेख में राजदूतों ने पुतिन की आलोचना की है और उन पर यूक्रेन में शांति प्रयासों को बाधित करने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने कहा कि यह ‘‘असामान्य’’ है और ‘‘कूटनीतिक दृष्टि से स्वीकार्य चलन नहीं’’ है।
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं, जिनमें आलू और अनार जैसे कृषि उत्पाद, समुद्री उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य सामग्री और उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं।
समझा जाता है कि भारत का रूस को दवाइयों, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में निर्यात उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की संभावना है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब नयी दिल्ली रूस के पक्ष में बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर चिंतित है। भारत द्वारा रूस से प्रतिवर्ष लगभग 65 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान एवं सेवाएं खरीदी जाती हैं, जबकि रूस का भारत से आयात लगभग पांच अरब अमेरिकी डॉलर है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत उर्वरक क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। रूस हर साल भारत को 30 से 40 लाख टन उर्वरक आपूर्ति करता है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष व्यापार, शिक्षा, कृषि और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
भारतीय और रूसी पक्ष नयी दिल्ली द्वारा प्रस्तावित यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी चर्चा कर सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि लक्ष्य इस एफटीए को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना होगा।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग से जुड़े किसी समझौते की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि ऐसे समझौते आम तौर पर शिखर वार्ताओं के दौरान घोषित नहीं किए जाते।
अमेरिका द्वारा रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद में आई कमी के बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है।
भाषा सिम्मी