ममता ने एसआईआर को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, धर्मनिरपेक्ष राजनीति के प्रति प्रतिबद्धता जताई
आशीष दिलीप
- 02 Dec 2025, 08:20 PM
- Updated: 08:20 PM
कोलकाता, तीन दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर मंगलवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उस पर ब्रिटिश शासकों की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार न तो हिरासत शिविरों की अनुमति देगी और न ही सांप्रदायिक राजनीति करेगी।
वह राज्य सचिवालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार के पिछले साढ़े 14 वर्षों के कार्यों का ब्योरा दिया। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया "अपने वोट बैंक को बचाने" के लिए भाजपा के इशारे पर शुरू की गई है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र चुनाव सुधारों की आड़ में "राज्यों को परेशान" करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने पूछा, "मैं बंगाल में हिरासत शिविर नहीं चलाती। हम लोगों को प्रताड़ित नहीं करते। हम दूसरों को परेशान नहीं करते, तो केंद्र राज्यों को क्यों परेशान कर रहा है?"
बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को ब्रिटिश शासकों की तरह काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं केंद्र से कहना चाहती हूं: अंग्रेजों की तरह व्यवहार न करें और हम पर कोई भी चीज़ ज़बरदस्ती न थोपें। अगर आपको कुछ कहना है, तो सीधे राज्य को बताएं। हम संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं।"
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैं सांप्रदायिक राजनीति नहीं करती। मैं धर्मनिरपेक्ष राजनीति करती हूं। मेरे लिए सभी धर्म एक समान हैं।"
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर राजनीतिक घमासान बढ़ गया है और भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है।
बनर्जी ने अपने पुराने आरोप दोहराए कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मतदाता सूचियों को प्रभावित करने के लिए निर्वाचन आयोग की मशीनरी का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "बंगाल भेदभाव नहीं करता। हम सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार करते हैं। यह ऐसी सरकार नहीं है, जो लोगों को बांटे। यह ऐसी सरकार है, जो सभी की रक्षा करती है।" उन्होंने कहा कि राज्य सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के "किसी भी प्रयास का विरोध" करेगा।
बनर्जी ने केंद्र के नागरिकता संबंधी कानूनों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि बंगाल "कभी भी ऐसी किसी चीज का समर्थन नहीं करेगा, जो लोगों को हिरासत शिविरों में धकेल दे या उन्हें राज्यविहीन बना दे"।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए उन पर मतदाता सूची में "फर्जी मतदाताओं" को बनाए रखने में टीएमसी की कथित संलिप्तता से ध्यान हटाने के लिए "झूठ फैलाने" का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बनर्जी मतदाता सूची में सुधार से "डर" गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया, "एसआईआर निर्वाचन आयोग द्वारा अनिवार्य, राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया है। वह क्यों डर रही हैं? क्योंकि हज़ारों फर्जी और अवैध मतदाताओं को तृणमूल कांग्रेस ने वर्षों से संरक्षण दिया है।"
अधिकारी ने कहा कि केंद्र की तुलना अंग्रेजों से करना "लोकतांत्रिक ढांचे का अपमान" है। उन्होंने कहा, "यह ममता बनर्जी हैं, जो बंगाल को निजी जायदाद की तरह चला रही हैं। भाजपा को उनसे लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है। उन्हें यह बताना चाहिए कि उनकी पार्टी पारदर्शी मतदाता सत्यापन प्रक्रिया का विरोध क्यों कर रही है।"
भाषा आशीष